देश में शौचालयों का निर्माण कराने के मामले में मोदी सरकार की तुलना में पिछली यूपीए सरकार का रिकार्ड काफी अच्छा था. इसका खुलासा पेयजल और स्वच्छता मंत्रालय की तरफ से पेश की गई एक रिपोर्ट से हुआ है.
नई दिल्ली. देश में शौचालयों का निर्माण कराने के मामले में मोदी सरकार की तुलना में पिछली यूपीए सरकार का रिकार्ड काफी अच्छा था. इसका खुलासा पेयजल और स्वच्छता मंत्रालय की तरफ से पेश की गई एक रिपोर्ट से हुआ है.
पेयजल और स्वच्छता मंत्रालय के मुताबिक नवंबर 2014 और अक्टूबर 2015 के बीच 98 लाख से ज्यादा शौचालयों का निर्माण कराया गया है. पिछले तीन सालों के आकड़ों की तुलना में ये संख्या भले ही दोगुनी हो, लेकिन रिपोर्ट के मुताबिक मोदी सरकार से ज्यादा यूपीए की सरकार ने ही शौचालयों का निर्माण कराया था.
इस रिपोर्ट के मुताबिक साल 2004 से 2009 के बीच यूपीए की पहली सरकार में 4.6 करोड़ शौचालय बनाए गए थे. इस हिसाब से हर साल औसतन 92 लाख शौचालयों का निर्माण हुआ. वहीं यूपीए की दूसरी सरकार ने 2009 से 2014 के बीच हर साल औसतन 86 लाख की दर से 4.3 करोड़ शौचालय बनवाए थे.
मौजूदा स्थिति को देखते हुए मोदी सरकार अपने 17 महीनों के कार्यकाल में यूपीए के इस औसत से काफी पीछे चल रही है. मोदी सरकार के कार्यकाल में 78 लाख शौचालय औसतन हर साल बनवाए गए हैं, जबकि यूपीए के कार्यकाल में 92 लाख शौचालयों का निर्माण हुआ था.
साल 2011 की जनगणना के मुताबिक 67.3 फीसदी घरों में शौचालय की सुविधा नहीं थी. वहीं NSSO के आकड़ों के मुताबिक साल 2012 में सैंपल सर्वे के आधार पर 59.4 फीसदी घरों में शौचालाय सुविधा नहीं थी. इतना ही नहीं 2004-05 में प्रति शौचालय बनाने की 1000 रूपए की लागत भी इस समय बढ़कर 9600 हो गई है.
बता दें कि 2 अक्टूबर 2014 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपनी महत्वाकांक्षी योजना स्वच्छ भारत अभियान की शुरूआत की थी. इस मिशन का मकसद साल 2019 तक भारत के उन घरों में शौचालय उपलब्ध कराना है जहां इसकी सुविधा नहीं है.