नई दिल्ली. आईएसआई के लिए जासूसी के आरोप में गिरफ्तार बीएसएफ का हेड कॉन्सटेबल अब्दुल राशिद की जम्मू के सीमावर्ती इलाकों के लेजर ग्रिड डाटा तक पहुंच थी और वो आईएसआई को पहले ही बता देता था कि किस इलाके में लेजर निगरानी काम नहीं कर रही जहां से आतंकियों की घुसपैठ सेफ हो सकती है.
सूत्रों के मुताबिक अब्दुल राशिद से पूछताछ में पता चला है कि उसके जरिए पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई भारतीय सीमा पर सुरक्षा से जुड़ी कई अहम जानकारी एडवांस तौर पर हासिल कर लेती थी.
जम्मू के राजौरी सेक्टर में बीएसएफ की इंटेल यूनिट में हेड कॉन्सटेबल राशिद की पहुंच लेजर ग्रिड रिपोर्ट्स तक थी. जम्मू की तरफ सीमा पर लेजर तकनीक से सीमा की निगरानी की जाती है और आतंकियों की घुसपैठ पर नजर रखी जाती है.
बीएसएफ की फील्ड यूनिट से पहले आईएसआई तक पहुंच जाती थी रिपोर्ट
बीएसएफ हर महीने लेजर ग्रिड रिपोर्ट तैयार करती है जिसमें ये दर्ज किया जाता है कि सीमा पर किन इलाकों में लेजर तककीन से निगरानी चल रही है और कौन से इलाके हैं जहां ये तकनीक काम नहीं कर रही है. लेजर तकनीक के काम नहीं करने के पीछे कई बार कैमरा का गलत जगह पर लगा होना भी वजह होता है.
बीएसएफ की इंटेल यूनिट इस रिपोर्ट को बीएसएफ की फील्ड यूनिट को भेजती है और फील्ड यूनिट उन जगहों पर बीएसएफ के जवानों को तैनात करती है जहां भी लेजर निगरानी कमजोर होती है ताकि घुसपैठ न हो.
लेजर ग्रिड रिपोर्ट तक पहुंच के कारण राशिद बीएसएफ की इंटेल यूनिट से रिपोर्ट फील्ड यूनिट तक जाने से पहले ही लेजर वैक्युम इलाकों की जानकारी आईएसआई को दे देता था जिससे पाकिस्तानी आतंकियों को घुसपैठ प्लान करने में मदद मिलती थी.