पुणे. सामाजिक कार्यकर्ता अन्ना हजारे ने दिल्ली में अरविंद केजरीवाल सरकार द्वारा पेश जन लोकपाल बिल पर मोटा-मोटी संतोष जाहिर करते हुए दो सलाह दिए हैं जिस पर आम आदमी पार्टी ने फौरन विचार करने की बात कही है.
अन्ना हजारे ने अपने आवास पर आप नेता संजय सिंह औऱ कुमार विश्वास से मुलाकात के बाद मीडिया से कहा कि केजरीवाल ने पार्टी के दोनों नेताओं को दिल्ली विधानसभा में पेश लोकपाल बिल के मसौदे के साथ भेजा था.
पहला सुझाव- लोकपाल चयन समिति में 5 के बदले 7 सदस्य हों
अन्ना ने कहा कि दिल्ली में पेश लोकपाल बिल पर उन्होंने केजरीवाल सरकार को दो सुझाव दिए हैं. अन्ना ने लोकपाल चयन समिति के सदस्यों की संख्या 5 से बढ़ाकर 7 करने का सुझाव दिया है. पेश बिल में सीएम, नेता विपक्ष, स्पीकर, एक हाईकोर्ट जज और मौजूदा लोकपाल की पांच सदस्यीय चयन समिति का प्रावधान है. अन्ना ने इसमें हाईकोर्ट के जजों की संख्या 2 करने और एक सामाजिक क्षेत्र के सम्मानित आदमी को शामिल करते हुए समिति के सदस्यों की संख्या 7 करने की सलाह दी है.
दूसरा सुझाव- लोकपाल के खिलाफ जांच हाईकोर्ट के जज से कराएं
अन्ना हजारे ने केजरीवाल सरकार को दूसरा सुझाव लोकपाल को हटाने की प्रक्रिया पर दिया है. अन्ना ने कहा कि केजरीवाल सरकार के बिल में लोकपाल के खिलाफ जांच के बाद महाभियोग चलाने और विधानसभा में दो तिहाई बहुमत से उसे हटाने का प्रावधान है. अन्ना ने सुझाव दिया है कि लोकपाल के खिलाफ महाभियोग और उसे हटाने पर विधानसभा में वोटिंग तभी हो जब उच्च न्यायालय की तरफ से जांच हो जाए.