नई दिल्ली. दिल्ली विधानसभा में आज जनलोकपाल बिल 2015 पेश किया जाएगा. लेकिन केजरीवाल सरकार के इस बिल के खिलाफ प्रशांत भूषण और योगेंद्र यादव ने मोर्चा खोल दिया है. उन्होंने कहा है कि इस बिल के खिलाफ वे विरोध प्रदर्शन करेंगे क्योंकि 2011 के आंदोलन के समय जिस लोकपाल का वादा केजरीवाल ने किया था, वह लोकपाल बिल दिल्ली सरकार नहीं लाने जा रही.
क्या-क्या हुआ है बदलाव?
इस बिल में लोकपाल चुनाव समिति के अंतर्गत प्रतिनिधियों की संख्या, उनके हटाने का तरीका और उसकी स्वतंत्रता पर कई बदलाव किए गए हैं. जैसे 2011 में लोकपाल को एक स्वतंत्र जांच एजेंसी की तरह पेश करने का प्रस्ताव था. 2014 में इसे अलग इन्वेस्टीगेशन विंग की तरह गठित करने पर विचार किया गया. अब 2015 में लोकपाल के अंतर्गत सरकार के विभागों से अफसरों की नियुक्ति का प्रस्ताव है.
इससे पहले आम आदमी पार्टी के पूर्व नेता और वरिष्ठ वकील प्रशांत भूषण ने केजरीवाल सरकार के जन लोकपाल बिल को धोखा बताया है. प्रशांत भूषण ने कहा है कि केजरीवाल को जल्द इस्तीफा दे देना चाहिए.
प्रशांत भूषण ने केजरीवाल पर आरोप लगाते हुए कहा है कि इस जनलोकपाल बिल को उन्होंने अपनी सहुलियत के बनाया है, क्योंकि इसे लेकर लोगों से राय नहीं ली गई है. उन्होंने कहा कि यह जनलोकपाल बिल सरकारी लोकपाल से भी बदतर है, क्योंकि यह अपने सिद्धांतो से हट गया है.