जम्मू. जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री और नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता फारूक अब्दुल्ला ने लगातार दूसरी बार विवादित बयान दिया है. फारुख ने कहा कि भारत की पूरी सेना मिलकर भी आतंकियों और उग्रवादियों से लोगों को बचा नहीं सकती, इसलिए भारत सरकार को पाकिस्तान से बातचीत करके मुद्दे सुलझा लेने चाहिए. कश्मीर में शांति का यही एक रास्ता है.
फारूक ने कहा कि जब तक पाकिस्तान के साथ बातचीत नहीं होगी, तब तक राज्य में हालात ठीक नहीं होंगे. उन्होंने कहा, ”आज मैं आपके सामने बोल रहा हूं. कल मुझे आतंकवादी मार सकते हैं, मगर मैं जो बोलूंगा, सच बोलूंगा. जो भी कश्मीर मसले को सुलझाने की कोशिश करता है देश में उसका विरोध शुरू हो जाता है. पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने इस दिशा में काम शुरु किया तो कांग्रेस के भीतर ही उनका विरोध शुरू हो गया. पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी कश्मीर मुद्दे को सुलझा सकते थे पर उनकी हालत खराब है.”
बता दें कि इससे पहले भी फारूक ने कहा था कि पीओके पाकिस्तान का हिस्सा है और रहेगा और कश्मीर हमारा हिस्सा है और रहेगा. उन्होंने कहा था कि भारत-पाक को इस मुद्दे का हल सिर्फ बातचीत से निकालना चाहिए. अब्दुल्ला ने कहा कि हमें यह कहते हुए कितने साल हो गए कि वो हमारा हिस्सा है लेकिन क्या इसका कोई हल निकाल पाए हम.