नई दिल्ली: दक्षिण एशिया के नामीबिया देश से आठ चीते पहले ही भारत आ चुके है। बताया जा रहा है कि अगले महीने 12 चीते भारत आने वाले थे। पिछले साल से ही देश की सरकार इस कोशिश में लगी हुई है। परन्तु सरकार को कोई सफलता नहीं मिली। वही मिली जानकारी के अनुसार काफी […]
नई दिल्ली: दक्षिण एशिया के नामीबिया देश से आठ चीते पहले ही भारत आ चुके है। बताया जा रहा है कि अगले महीने 12 चीते भारत आने वाले थे। पिछले साल से ही देश की सरकार इस कोशिश में लगी हुई है। परन्तु सरकार को कोई सफलता नहीं मिली। वही मिली जानकारी के अनुसार काफी कोशिशों के बाद अब सरकार को कामयाबी मिल चुकी है।
भारत और दक्षिण साउथ अफ्रीका के बीच एक समझौता हुआ है। जिसमे चीतों को फिर से लाने की महत्वाकांक्षी परियोजना के चलते साउथ अफ्रीका ने भारत को 100 से अधिक चीते देने का वादा किया है। खबरों की माने तो पर्यावरण मंत्रालय ने बताया कि पिछले साल सितंबर के महीने में नामीबिया से आठ चीतों के आने के बाद 12 चीतों का एक प्रारंभिक जत्था अगले महीने भारत आने वाला था। भारत में चीतों को लाने का प्रयास पिछले साल से ही शुरू है। इस कोशिश में अब सरकार को कामयाबी मिल चुकी है।
एक वक़्त था जब भारत कभी एशियाटिक चीतों का घर हुआ करता था, परन्तु 1952 तक इस जानवर को अदृश्य पाया गया, इसी वजह से विलुप्त घोषित कर दिया गया था। ये जानवर शिकार के कारण भारत में विलुप्त हो गए थे।
साल 2020 में जानवरों को फिर से लाने के प्रयास में कामयाबी मिली, जब सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुनाया। इस फैसले में कोर्ट ने कहा कि – ‘अफ्रीकी चीता को प्रायोगिक आधार पर सावधानीपूर्वक चुने गए स्थान पर देश में लाया जा सकता है।’ इस प्रस्ताव को लेकर दक्षिण अफ्रीका से बातचीत काफी पहले ही चल रही थी। साथ ही साथ सुनने में आया था कि चीतों को विदेश से पिछले साल अगस्त में भारत लाया जाना था।