10% Reservation to Upper Caste: नरेंद्र मोदी कैबिनेट ने 2019 लोकसभा चुनाव से पहले मास्टरस्ट्रोक खेला है. कैबिनेट ने आर्थिक रूप से कमजोर सवर्णों को 10 फीसदी आरक्षण देने का ऐलान किया है.
नई दिल्ली. 10% Reservation to Upper Caste: नरेंद्र मोदी सरकार ने 2019 लोकसभा चुनाव से पहले बड़ा दांव खेला है. नरेंद्र मोदी कैबिनेट ने सोमवार को आर्थिक रूप से कमजोर सवर्ण जातियों के लिए 10 फीसदी आरक्षण (General Category 10% Reservation) को मंजूरी दे दी है. यह आरक्षण नौकरियों और शिक्षा में मिलेगा. मोदी कैबिनेट ने आरक्षण 50 प्रतिशत से बढ़ाकर 60 प्रतिशत करने का फैसला किया है. इसके बाद सरकार को संविधान में संसोधन कर कोटा बढ़ाना होगा.
मंगलवार को संसद का शीत सत्र खत्म हो रहा है. ऐसे में सरकार अध्यादेश के जरिए इसे लागू करेगी. इसके बाद आगामी बजट सत्र में इसे (General Category 10% Reservation) पास कराना होगा. दोनों सदनों में दो-तिहाई बहुमत से इसे पास कराए बिना यह संभाव नहीं होगा और अध्यादेश सुप्रीम कोर्ट में खारिज हो जाएगा. बता दें कि संविधान में आर्थिक आधार पर आरक्षण देने का कोई प्रावधान है ही नहीं. आरक्षण शैक्षणिक और सामाजिक रूप से दिया जाता है.
पूरे देश में सिर्फ तमिलनाडु ही ऐसा राज्य है, जिसमें 50 फीसदी से ज्यादा आरक्षण देने का प्रावधान है. राज्य में 68 फीसदी आबादी ओबीसी है, लिहाजा संसद ने यह इसे अनुसूची 9 में डलवा दिया, जो अदालत के विचाराधीन नहीं आता. इससे पहले कांग्रेस और एनसीपी सरकार ने महाराष्ट्र में मराठा आरक्षण को मंजूरी दे दी थी, जिस पर बाद में हाई कोर्ट ने स्टे लगा दिया था.
क्या है फैसले का मतलब: इससे जनरल कैटिगरी के तहत आने वाले आर्थिक रूप से कमजोर लोगों को सरकारी नौकरियों और शैक्षणिक संस्थानों में आरक्षण (General Category 10% Reservation) मिलेगा. अब तक रिजर्वेशन सिर्फ एससी/एसटी और ओबीसी वर्ग को ही मिलता है.