आधार कार्ड की संवैधानिक वैधता पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले की 10 बड़ी बातें

आधार कार्ट की संवैधानिक वैधता और अनिवार्य होने को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुना दिया है. जिसमें जस्टिस सिकरी ने कहा कि आधार कार्ड और पहचान पत्र में मूल फर्क है. आइये हम आपको कोर्ट के फैसले की 10 बड़ी बाते बताते हैं.

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आधार कार्ड की संवैधानिक वैधता पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले की 10 बड़ी बातें

Aanchal Pandey

  • September 26, 2018 12:54 pm Asia/KolkataIST, Updated 6 years ago

नई दिल्ली. आधार कार्ड के अनिवार्य होने को लेकर सुप्रीम कोर्ट के पांच जजों की संवैधानिक पीठ बुधवार को फैसला सुना  दिया है. कोर्ट ने साफ किया कि आधार से किसी की निजता का उल्लंघन होता है या नहीं. कोर्ट ने कहा कि आधार कार्ड और पहचान पत्र में मूल फर्क है. जब एक बार बायोमेट्रिक जानकारी दर्ज हो जाती है तो वह सिस्टम में रहती है. बता दें कि आधार की अनिवार्यता को पूरी तरह से खत्म करने के लिए कुल 30 यचिकाएं दाखिल की गई थीं जिसपर 17 जनवरी को सुनवाई शुरु होकर 10 मई को पूरी हुई थी. तब कोर्ट की बेंच ने फैसले को सुरक्षित रख लिया था. जानिए आधार कार्ड को लेकर कोर्ट के फैसले की बड़ी बातें.

Aadhaar Card Mandatory Verdict in Supreme Court Hearing 10 Points

-सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि आधार में डेटा सुरक्षित रखने के लिए कड़े इंतजाम हैं और आधार के बल पर किसी नागरिक के निगरानी बेहद मुश्किल है. दीपक मिश्रा के नेतृत्व वाली पांच जजों की बेंच ने सरकार से आधार के लिए सुरक्षा बढ़ाने के लिए कहा.

-कोर्ट ने आधार की सुरक्षा के लिए सरकार से मजबूत कानून लाने के लिए भी कहा. कोर्ट ने कहा कि पैन कार्ड से लिंक के लिए आधार जरूरी है. कोर्ट ने कहा कि बैंक अकॉउंट खुलवाने के लिए आधार आवश्यक नहीं होगा और न ही मोबाइल कनैक्शन पाने के लिए.

-सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि स्कूल में दाखिले के लिए भी आधार अनिवार्य नहीं होगा. स्कूल प्रशासन इसे अनिवार्य नहीं कर सकता.

-सुप्रीम कोर्ट ने निर्देश दिए हैं कि सरकार सुनिश्चित करे कि अवैध प्रवासियों को आधार कार्ड जारी न हो जिससे वे गलत तरीके से भारत की समाजिस स्कीमों के फायदे न उठा सकें.

-सुप्रीम कोर्ट ने आधार अधिनियम की धारा 57 रद्द कर दी है.  कोर्ट ने कहा कि निजी कंपनियां आधार कार्ड की मांग नहीं कर सकतीं. कोर्ट ने आधार की सुरक्षा से जुड़े आधार लॉ में बदलाव करने को कहा.

-फैसला पढ़ते हुए जस्टिस सिकरी ने कहा कि आधार कार्ड और पहचान पत्र में मूल फर्क है. जब एक बार बायोमेट्रिक जानकारी दर्ज हो जाती है तो वह सिस्टम में रहती है.

-जस्टिस एके सीकरी ने कहा कि इस फैसले से निर्णय में मानव गरिमा की अवधारणा को बढ़ा दिया है. रिकॉर्ड्स का प्रमाणीकरण छह महीने से अधिक समय तक नहीं रखा जाना चाहिए. शिक्षा ने हमें हस्ताक्षर के अंगूठे की छाप से लिया है. इस डेटा के साथ लोगों की प्रोफाइल बनाने में मुश्किल है. निजी पार्टियां आधार डेटा नहीं ले सकती हैं.

-एके सीकरी ने कहा कि आधार आनुपातिक सिद्धांत को पूर्ण करता है, बेहतरीन होने से अच्छा है अलग होना. आधार की संवैधानिक वैद्यता को लेकर 31 लोगों ने याचिका दायर कर इसे लोगों की निजता के साथ खिलवाड़ बताया था.

-सुप्रीम कोर्ट ने साफ किया कि आधार कार्ड पर हमला संविधान के खिलाफ है. इसकी डुप्लिकेसी का कोई खतरा नहीं है. आधार का डेटा पूरी तरह सुरक्षित है.

-सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले मं कहा कि सरकार की सभी लाभकारी योजनाओं के लिए आधार कार्ड अनिवार्य है.

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