इंटरनेशनल सोलर अलायंस में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहीं ये 10 अहम बातें
दिल्ली में शुरू हुए पहले पहले इंटरनेशनल सोलर अलायंस समिट में पीएम मोदी ने संबोधित किया. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोशल रिवोल्यूशन लाने के लिए पीएम मोदी ने 10 एक्शन प्वाइंट्स भी बताए साथ ही उन्होंने सोलर एनर्जी के लिए फाइनेंस में छूट और अफोर्डेबल टेक्नोलॉजी लाने की बात कही.
March 11, 2018 1:48 pm Asia/KolkataIST, Updated 7 years ago
नई दिल्लीः दिल्ली में रविवार को पहले इंटरनेशनल सोलर अलायंस (आईएसए) समिट की शुरुआत हुई. राष्ट्रपति भवन के सांस्कृतिक केंद्र में आयोजित इस सम्मेलन में फ्रांस, ऑस्ट्रेलिया और श्रीलंका समेत 23 देशों के राष्ट्र अध्यक्ष, 10 देशों के मंत्री समेत 121 देशों के प्रतिनिधि हिस्सा ले रहे हैं. इस समिट का शुभारंभ फ्रांस के राष्ट्रपति इम्मानुअल मैक्रोन ने किया. इस दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संबोधित किया. जानिए सोशल रिवोल्यूशन के लिए पीएम मोदी द्वारा दिए गए 10 एक्शन प्वाइंट्स के बारे में…
आज जब हम Climate Change जैसी चुनौती से निपटने का रास्ता ढूंढ रहे हैं तो हमे प्राचीन दर्शन के संतुलन और समग्र दृष्टिकोण की ओर देखना होगा.
सौर ऊर्जा को बढ़ावा देने के लिए तकनीक की उपलब्धता और विकास, आर्थिक संसाधन, कीमतों में कमी, भंडारण प्रौद्योगिकी का विकास, जन निर्माण और नवीनीकरण के लिए पूरा पारिस्थितिकी तंत्र जरुरी है. आगे का रास्ता क्या है, यह हम सबको सोचना है.
पीएम मोदी ने कहा कि भारत में हमने दुनिया का सबसे बड़ा नवीकरणीय ऊर्जा विस्तार कार्यक्रम शुरू किया है. हम 2022 तक इससे 175 गीगा वाट बिजली उत्पन्न करेंगे जिसमें से 100 गीगा वाट बिजली सौर से होगी.
121 संभावित देशों में से 61 देश इस अलायंस में शामिल हो चुके हैं, 32 ने भी फ्रेमवर्क समझौते को अनुमोदित कर दिया है.
भारत में वेदों ने हज़ारो साल पहले से सूर्य को विश्व की आत्मा माना है. भारत में सूर्य को पूरे जीवन का पोषक माना गया है.
हमें श्रेष्ठता केंद्रों का एक व्यापक नेटवर्क बनाने की आवश्यकता है. हमें आईएसए सचिवालय को मजबूत और पेशेवर बनाना चाहिए
अगर आप संपूर्ण मानवता की सेवा करना चाहते हैं तो मुझे विश्वास है कि निजी फायदों से बाहर आने के बाद, एक परिवार की तरह हम उद्देश्य और प्रयासों में एकता और एकता लाने में सक्षम होंगे.
हमें नवाचार को प्रोत्साहित करना है ताकि विभिन्न समाधानों के लिए सौर समाधान प्रदान किया जा सके. हमें सौर परियोजनाओं के लिए रियायती वित्तपोषण और कम जोखिम वाले वित्तपोषण प्रदान करना होगा
प्रधानमंत्री ने ब्रह्दारनकाक उपनिषद, “तमसो मा ज्योतिर्गमय” से शांती मंत्र का हवाला देते हुए अपना संबोधन समाप्त किया, जिसका अर्थ है “अंधेरे से, मुझे प्रकाश में ले जाएं.
विनियामक पहलुओं और मानकों को विकसित करना है, जिन्हें सौर समाधान अपनाना चाहिए और उनके विकास को तेज करना चाहिए। विकासशील देशों को बैंक योग्य सौर परियोजनाओं के लिए परामर्श समर्थन विकसित करना होगा, ताकि हमारे प्रयासों में अधिक समावेश और भागीदारी हो सके.