विज्ञान से लेकर हर क्षेत्र में आज भारत दुनिया के कदम से कदम से मिलाकर चल रहा है. लेकिन क्या आपको पता है भारत पहले भी काफी एडवांस था दुनिया में कई चीजें जो जिनका अविष्कार सबसे पहले भारत में ही हुआ जिसके बाद दुनिया भर ने उन्हें अपनाया. यह स्टोरी पढ़िए और जानिए भारतियों के कुछ ऐसे ही बेहतरीन अविष्कारों के बारे में...
नई दिल्लीः विदेशी मीडिया भले ही विश्व भर में भारत की घिसी-पिटी तस्वीर दिखाती हो, लेकिन सच्चाई तो यह है कि भारत में गरीबी और सपेरों के अलावा भी बहुत कुछ जिसका लोहा दुनिया मानती है. भारत में कई ऐसे चीजों का अविष्कार जो इससे पहले किसी को पता ही नहीं थी. भारतीयों ने श्रेष्ठ अविश्कारों से देश के विकास में भरपूर सहयोग दिया. तो आईए जानते हैं भारत में पहली बार उन दस बड़े अविष्कारों में…
जीरो– जीरो मतलब शून्य, क्या आपको पता है जीरो की खोज भारत ने ही की. जिसके बाद दुनिया को आगे की गिनती सूझी. 2 सेंचुरी बीसी में भारतीय स्कॉलर ने शून्य की खोज की जिसके बाद इससे जुड़े नियमों ने ब्रम्हगुप्त ने दुनिया को अवगत कराया.
बाइनरी नंबर सिस्टम– आज के समय में आधुनिक कम्प्यूटर और डिजिटल डिवाइस में इस्तेमाल होने वाले बाइनरी नंबर की खोज भी सबसे पहले भारत में ही हुई.
नेवीगेशन– नेविगेशन का जन्म 6000 साल पहले सिंध नदी में हुआ. संस्कृत के शब्द नवतगीह से नेवीगेशन को लिया गया.
शतरंज– शतरंज का अविष्कार दुनिया में सबसे पहले भारत में चतुरंगा के नाम से हुआ हुआ. चतुरंगा का अर्थ होता था मिलिट्री के चार भाग.
योग– दुनिया भर में आज योग का जादू लोगों के सर चढ़ कर बोल रहा है. लोग स्वस्थ रहने के लिए योग अपना रहे हैं पर क्या आपको पता है कि योग की शुरुआत भी भारत 5,000 साल पहले हुई थी.
सांप, सीढ़ी– लोगों के बीच बेहद लोकप्रिय इस खेल जन्म भारत में मोक्षपट के नाम से हुआ था. जिसमें सीढ़ी को अच्छाई और सांप को बुराई के रूप में माना जाता था.
आयुर्वेद– बड़े से बड़े स्वास्थ संकट का इलाज करने में सक्षम आयुर्वेद पद्धति का जन्म भी भारत में ही हुआ था. 2500 साल पहले चरक ने आयुर्वेद की शुरुआत की थी.
PI की वेल्यू– PI की वेल्यू को यूरोपियन से पहले बुधयाना ने 6ठी सेंचुरी में ही केल्कुलेट कर लिया था.
ग्रेनाइट मंदिर– दुनिया में सबसे पहले ग्रेनाइट का मंदिर बृद्धेश्वर भारत के तमिलनाडु में तंजवरूर में 1004 A.D. से 1009 A.D.के बीच में हुआ था.
पाइथागोरस थ्यूरम– पाइथागोरस थ्यूरम का अविष्कार भी भारत में बुधयाना ने 6ठीं सेंचुरी में किया था.
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