Advertisement
  • होम
  • देश-प्रदेश
  • एक देश-एक चुनाव पर बोली बीजेपी- पूरे साल चुनावी मोड में रहने से फैसले और विकास ठप होता है

एक देश-एक चुनाव पर बोली बीजेपी- पूरे साल चुनावी मोड में रहने से फैसले और विकास ठप होता है

बीजेपी ने 2019 में होने वाले लोकसभा चुनाव के साथ अगले साल 11 राज्यों के विधानसभा चुनाव एक साथ कराने की मांग की है. बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह ने इस मुद्दे पर विधि आयोग को पत्र भी लिखा है. उनका कहना है कि देश हमेशा इलेक्शन मोड में नहीं रह सकता. एक साथ चुनाव कराने से सरकारी खजाने पर बोझ कम पड़ेगा. साथ ही जनप्रतिनिधि देश के विकास में ज्यादा भागीदारी दे सकेंगे.

Advertisement
BJP stand on One nation One election
  • August 14, 2018 4:39 pm Asia/KolkataIST, Updated 6 years ago

नई दिल्लीः एक बार फिर देश में लोकसभा और सभी राज्यों के विधानसभा चुनाव कराने की मांग ने जोर पकड़ा है. बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह ने इस मामले में विधि आयोग को पत्र भी लिखा है, जिसके बाद एक बार फिर इस पर राजनीति होने लगी. अमित शाह ने पत्र के माध्यम से मांग की है कि 2019 में होने वाले लोकसभा चुनाव के साथ 11 राज्यों के विधानसभा चुनाव भी कराए जाएं. देश हमेशा चुनावी मोड में नहीं रह सकता. चुनावी प्रक्रिया सरकारी खजाने पर भी भारी बोझ डालती है.

बीजेपी सूत्रों की मानें तो इसी साल होने वाले मध्य प्रदेश, राजस्थान, छत्तीसगढ़ और मिजोरम विधानसभा चुनाव को अगले साल तक के लिए स्थगित किया जा सकता है. ऐसे में इन तीनों राज्यों में सरकार का कार्यकाल पूरा होने के बाद राष्ट्रपति शासन लगाया जा सकता है. वहीं 2019 और उसके बाद के वर्षों में जिन राज्यों में चुनाव होने हैं, उनके चुनाव भी लोकसभा चुनाव के साथ अगले साल कराए जा सकते हैं.

हालांकि इस बारे में अभी पार्टी के भीतर कोई राय नहीं बनी है लेकिन अगर बीजेपी देश में एक चुनाव की मांग कर रही है तो पार्टी के लिए इस तरह के कुछ अहम फैसले लेना जरूरी हो जाता है. लोकसभा के पूर्व महासचिव और संविधान संबंधी मामलों के विशेषज्ञ पीडीटी आचार्य कहते हैं कि जिन राज्यों में इसी साल चुनाव होने हैं और अगर एक साथ चुनाव कराने के लिए वहां राष्ट्रपति शासन लगाया जाए तो यह इस पर सवाल उठने लाजमी हैं.

One Nation One Election पर बोले CEC ओपी रावत- 2019 में लोकसभा और 11 राज्यों के विधानसभा चुनाव के लिए नहीं हैं VVPAT

आचार्य आगे कहते हैं कि संविधान में किसी भी राज्य में पैदा हुए संवैधानिक संकट के बाद ही राष्ट्रपति शासन लगाने का प्रावधान है. ऐसे में एक साथ चुनाव कराने के लिए इसे लागू करना संवैधानिक तौर पर सरासर गलत होगा. बता दें कि अगले साल लोकसभा चुनाव के साथ-साथ ओडिशा, तेलंगाना और आंध्र प्रदेश में भी विधानसभा चुनाव होने हैं. 2019 के अंत में बीजेपी शासित महाराष्ट्र, हरियाणा और झारखंड में भी विधानसभा चुनाव होंगे.

राहुल गांधी से पूछा, सात फेरे कब लेंगे? बोले- कांग्रेस से शादी कर चुका हूं

अगले साल लोकसभा के साथ-साथ जिन राज्यों के विधानसभा चुनाव कराने की बात कही जा रही है उनमें बिहार का भी जिक्र किया जा रहा है. बिहार में 2020 के अंत तक विधानसभा चुनाव होंगे. यहां बीजेपी और जेडीयू की गठबंधन सरकार है और नीतीश कुमार राज्य के मुख्यमंत्री हैं. हालांकि जेडीयू इस पक्ष में नहीं है. राजनीतिक जानकारों का मानना है कि अगर नीतीश कुमार अपना कार्यकाल छोटा कर इसके लिए हामी भरते हैं तो वह लोकसभा और विधानसभा में बीजेपी के साथ गठबंधन धर्म के तहत सीटों के बंटवारे में फायदे में रहेंगे.

अमित शाह ने दिया जीत का फॉर्मूला, बताया- बीजेपी कैसे जीतेगी 2019 लोकसभा चुनाव में उत्तर प्रदेश की 74 सीटें

इस मुद्दे पर अमित शाह ने विधि आयोग को जो पत्र लिखा है उसमें उन्होंने चुनावी खर्च में कटौती और पूरे वर्ष सभी दलों के चुनावी मोड में रहने से आजादी का जिक्र किया है. अमित शाह का कहना है कि देश की जनता पूरे साल भर चुनावी मोड में नहीं रह सकती. एक साथ चुनाव देश के विकास में भागीदार बनेगा. साथ ही जनप्रतिनिधि ज्यादा प्रभावी तौर पर अपने-अपने क्षेत्रों के विकास में हिस्सेदार बनेंगे. बीजेपी नेताओं ने सोमवार को विधि आयोग के शीर्ष अधिकारियों को अमित शाह का पत्र सौंपा.

बिहारः One Nation One Election पर सीएम नीतीश कुमार बोले- लोकसभा और विधानसभा चुनाव एक साथ संभव नहीं

अमित शाह ने पत्र में 1952 और 1967 में हुए चुनाव का भी जिक्र किया. शाह ने लिखा कि 1967 में कांग्रेस केंद्र में चुन कर आई, वहीं कई राज्यों में विपक्षी दलों की सरकार बनी थी. 1980 में हुए आम चुनाव में कांग्रेस पार्टी ने कर्नाटक की अधिकतर लोकसभा सीटों पर जीत हासिल की थी लेकिन विधानसभा चुनाव में जनता दल को जीत मिली थी. पूर्व में चुनाव आयोग, विधि आयोग और संसद की कई समितियां इस पर आम सहमति बना चुकी हैं.

अमित शाह ने दिया जीत का फॉर्मूला, बताया- बीजेपी कैसे जीतेगी 2019 लोकसभा चुनाव में उत्तर प्रदेश की 74 सीटें

दूसरी ओर कांग्रेस और कुछ अन्य विपक्षी दल एक साथ चुनाव कराने का विरोध कर रहे हैं. वह इसे लोकतंत्र के खिलाफ बता रहे हैं. राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि बीजेपी द्वारा एक साथ चुनाव कराने की मांग के पीछे सत्ता विरोधी लहर को खत्म करना और चुनाव प्रचार में पीएम नरेंद्र मोदी की लोकप्रियता का फायदा उठाना है. बताते चलें कि मंगलवार को मुख्य चुनाव आयुक्त ओपी रावत ने 2019 में लोकसभा और 11 राज्यों में विधानसभा चुनाव कराने की मांग पर कहा कि अगले साल लोकसभा चुनाव के साथ 11 राज्यों के विधानसभा चुनाव कराने के लिए आयोग के पास पर्याप्त संख्या में VVPAT मशीनें मौजूद नहीं हैं. अगर अभी इनका ऑर्डर दिया जाए तो तय समय में मशीनें मिलने के बाद ही इस पर विचार किया जा सकता है.

राजस्थान, छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव में पूर्ण बहुमत की सरकार बनाएगी कांग्रेस, बीजेपी पिछड़ी- एबीपी न्यूज- सी वोटर सर्वे

Tags

Advertisement