नई दिल्ली। तिरुपति मंदिर के लड्डुओं में पशु चर्बी वाले तेल के इस्तेमाल को लेकर हड़कंप मच गया है। जांच रिपोर्ट सामने आने के बाद हिंदू आक्रोशित हो गए हैं। अब इसको लेकर एक और बड़ा खुलासा हुआ है। आरएसएस के मुखपत्र पांचजन्य ने तिरुपति मंदिर में लड्डुओं के मुद्दे पर बड़ी बात कही है। […]
नई दिल्ली। तिरुपति मंदिर के लड्डुओं में पशु चर्बी वाले तेल के इस्तेमाल को लेकर हड़कंप मच गया है। जांच रिपोर्ट सामने आने के बाद हिंदू आक्रोशित हो गए हैं। अब इसको लेकर एक और बड़ा खुलासा हुआ है। आरएसएस के मुखपत्र पांचजन्य ने तिरुपति मंदिर में लड्डुओं के मुद्दे पर बड़ी बात कही है। मुखपत्र में प्रकाशित एक रिपोर्ट में दावा किया गया है कि तिरुपति तिरुमाला मंदिर से भी 1 लाख लड्डू अयोध्या भेजे गए थे।
रिपोर्ट में कहा गया है कि अयोध्या में राम मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा के दिन तिरुपति मंदिर से 1 लाख लड्डू भेजे गए थे। ये लड्डू अयोध्या में श्रद्धालुओं में बांटे गए थे। जांच में यह भी पता चला है कि तिरुपति मंदिर के प्रसाद में गोमांस, सूअर की चर्बी और मछली का तेल मिलाया गया था। यह सब आंध्र प्रदेश की तत्कालीन जगनमोहन रेड्डी सरकार के कार्यकाल में हुआ था।
टीडीपी प्रवक्ता अनम वेंकट रमन रेड्डी ने दावा किया कि प्रसिद्ध श्री वेंकटेश्वर स्वामी मंदिर का प्रबंधन करने वाले तिरुमाला तिरुपति देवस्थानम (टीटीडी) द्वारा उपलब्ध कराए गए घी के नमूनों की गुजरात स्थित पशुधन प्रयोगशाला द्वारा मिलावट की पुष्टि की गई है। उन्होंने कथित लैब रिपोर्ट दिखाई, जिसमें दिए गए घी के नमूने में “पशु वसा”, “लार्ड” (सूअर की चर्बी से संबंधित) और मछली के तेल की मौजूदगी का भी दावा किया गया है। नमूने की तारीख 9 जुलाई, 2024 थी और लैब रिपोर्ट 16 जुलाई की थी।
आंध्र प्रदेश सरकार या तिरुमाला तिरुपति देवस्थानम (टीटीडी) की ओर से प्रयोगशाला रिपोर्ट पर कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं की गई, जो प्रसिद्ध श्री वेंकटेश्वर स्वामी मंदिर का प्रबंधन करता है।
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