नई दिल्ली: चैत्र नवरात्रि के पहले दिन अयोध्या में बना राम मंदिर के गर्भगृह में सोने की रामायण स्थापित हो चुकी है. इस गोल्ड प्लेटेड ग्रंथ के पन्ने सुनहरे रंग का है, जो देखने में बेहद खूबसूरत दिखाई देता हैं. वहीं श्रद्धालु अब रामलला के दर्शन के साथ-साथ सोने की रामायण का दर्शन भी कर […]
नई दिल्ली: चैत्र नवरात्रि के पहले दिन अयोध्या में बना राम मंदिर के गर्भगृह में सोने की रामायण स्थापित हो चुकी है. इस गोल्ड प्लेटेड ग्रंथ के पन्ने सुनहरे रंग का है, जो देखने में बेहद खूबसूरत दिखाई देता हैं. वहीं श्रद्धालु अब रामलला के दर्शन के साथ-साथ सोने की रामायण का दर्शन भी कर सकेंगे. इस रामायण को बनाने में लगभग पांच करोड़ रुपये लगे है. बता दें कि यह जो रामायण में पैसा लगा है वो मध्य प्रदेश कैडर के पूर्व आईएएस अधिकारी सुब्रमण्यम लक्ष्मीनारायण ने दान किया है.
आपको बता दें कि सोने की रामायण को पत्थर के आसन पर रखा गया है. वहीं इसके ऊपरी भाग पर चांदी से बना राम का पट्टाभिषेक है. दरअसल, रामायण का वजन 1.5 क्विंटल से भी ज्यादा है. इसका जो प्रत्येक पृष्ठ है वो तांबे से बना है, जो 14 गुणा 12 इंच का है. वहीं हर पन्नों पर 24 कैरेट सोने की परत चढ़ाई गई है. इन पर राम चरित मानस के छंद अंकित किए गए हैं. रामायण में मौजूद 500 पन्नों पर 10,902 छंद हैं. दरअसल, इसके हर पन्नों पर 14 गेज के 12 इंच की 3 किलोग्राम तांबे की प्लेट का इस्तेमाल कर के बनाया गया है. इसको बनाने में 151 किलो तांबे और तीन से चार किलो सोने का इस्तेमाल हुआ है.