जयपुर। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज भगवान देवनारायण की 1111वें जयंती के अवसर पर राजस्थान के भीलवाड़ा जिले के मालासेरी पहुंचेंगे। हालांकि भाजपा के नेताओं ने इस यात्रा को सियासी यात्रा कहने से मना किया हैं, लेकिन 10 महीने बाद राज्य में होने वाले विधानसभा चुनावों को देखते हुए इस यात्रा के कई राजनीतिक मायने भी […]
जयपुर। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज भगवान देवनारायण की 1111वें जयंती के अवसर पर राजस्थान के भीलवाड़ा जिले के मालासेरी पहुंचेंगे। हालांकि भाजपा के नेताओं ने इस यात्रा को सियासी यात्रा कहने से मना किया हैं, लेकिन 10 महीने बाद राज्य में होने वाले विधानसभा चुनावों को देखते हुए इस यात्रा के कई राजनीतिक मायने भी निकाले जा रहे हैं। बता दें, मालासेरी भगवान देव नारायण का जन्मस्थान माना जाता है, जो इस क्षेत्र में रहने वाले विशेष रूप से गुर्जरों के लिए पूज्यनीय है।
पीएम नरेंद्र मोदी की रैली की बात की जाए तो मोदी सबसे पहले राजस्थान के भीलवाड़ा जाएंगे, जहां वह भगवान देवनारायण के जन्म स्थान मालासेरी डूंगरी का दौरा करने के बाद, भगवान देवनारायण के 1111वें के प्रकटोत्सव पर एक जनसभा को भी संबोधित करेंगे। इस कार्यक्रम में प्रदेशभर से कई संतों को कार्यक्रम में बुलाया गया है। वहीं कार्यक्रम को बड़ा बनाने के लिए राजस्थान भाजपा संगठन के कार्यकर्ता और गुर्जर समाज के लोगों ने सारी तैयारी कर ली है। पीएम मोदी के इस दौरे से गुर्जर समाज को सामाजिक तौर पर बड़ा संदेश देने की कोशिश इस रैली से की जाएगी।
गुर्जरों की राज्यों में आबादी की बात की जाए तो ये लगभग 9 प्रतिशत से 12 प्रतिशत के बीच है और पूर्वी राजस्थान में 40 से 50 विधानसभा सीटों पर उनका अच्छा खासा असर है। अगर जिलों की बात की जाए तो अजमेर, भीलवाड़ा, कोटा, बूंदी, दौसा, सवाई माधोपुर, करौली, अलवर जिले सहित जयपुर ग्रामीण सीट भी गुर्जर बाहुल्य है।
वैसे तो सचिन पायलट गुर्जरों के सबसे बड़ा नेता है, लेकिन गुर्जरों को सबसे बड़ा वोट बैंक भाजपा का माना जाता रहा है। इसका सबसे बड़ा कारण पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के पारिवारिक रिश्तों से है। वसुंधरा राजे वैसे तो राजपूत समाज से आती है लेकिन उनके बेटे दुष्यंत सिंह का विवाह गुर्जर समाज से ताल्लुक रखने वाली निहारिका से हुआ है। हालांकि सचिन पायलट के प्रभाव के कारण गुर्जरों के वोटों में बंटवारा हुआ है।
2018 के चुनावों की बात की जाए तो इस दौरान भाजपा से एक भी गुर्जर विधायक नहीं बन पाया था। अब वसुंधरा के बाद भाजपा मोदी के दम पर इन वोटरों को लुभाने की कोशिश की जा रही है।