नई दिल्ली. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सलाहकार अमित खरे के कार्यकाल को विस्तार दिया गया है।बता दें कि उनका कार्यकाल अक्टूबर 2023 में खत्म हो रहा था। अमित खरे झारखंड कैडर के 1985 बैच के आईएएस हैं। बतादें कि अतीत में पीके सिन्हा और अमरजीत सिन्हा अपना कार्यकाल पूरा नहीं कर सके थे और उन्हें बीच […]
नई दिल्ली. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सलाहकार अमित खरे के कार्यकाल को विस्तार दिया गया है।बता दें कि उनका कार्यकाल अक्टूबर 2023 में खत्म हो रहा था। अमित खरे झारखंड कैडर के 1985 बैच के आईएएस हैं। बतादें कि अतीत में पीके सिन्हा और अमरजीत सिन्हा अपना कार्यकाल पूरा नहीं कर सके थे और उन्हें बीच में ही अपना पद छोड़ना पड़ा था।
बता दें कि अमित खरे ने रांची के केंद्रीय विद्यालय से मैट्रिक पास की थी और उन्होंने दिल्ली के प्रतिष्ठित सेंट स्टीफंस कॉलेज से आगे की पढ़ाई की। इसके बाद उन्होंने आईआईएम अहमदाबाद से पोस्ट ग्रेजुएशन किया। बता दें कि उन्होंने अमेरिका से साइकेरस यूनिवर्सिटी से पब्लिक एडमिनिस्ट्रेशन की पढ़ाई भी की है। अमित खरे ने नई शिक्षा नीति- 2020 और आईटीरुल्स-2021 के नियमों को बनाने में अहम भूमिका निभाई थी। बता दें कि उम्होंने आईएएस अधिकारी के तौर पर अपने 36 साल के करियर में कई महत्वपूर्ण पदों को संभाला।
अमित खरे भारत सरकार के शिक्षा मंत्रालय और सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय में सचिव रह चुके हैं। साल 2000 में हुए बिहार बंटवारे के बाद उन्होंने झारखंड कैडर चुना और वह रांची आ गए थे। उन्होंने झारखंड में वित्त सचिव, विकास आयुक्त, उच्च शिक्षा सचिव रहने के साथ वह तत्कालीन राज्यपाल वेद मारवाह के प्रधान सचिव भी रहे। बता दें कि उन्होंने रांची विश्वविद्यालय के कुलपति का पद भी संभाला था।
अमित खरे के पास पीएमओ में कई बड़ी और अहम जिम्मेदारियां हैं। वे सरकार के लिए तकनीक, कल्याण, शिक्षा, सामाजिक, ग्रामीण और कृषि जैसे कई महत्वपूर्ण क्षेत्रों का ध्यान रख रहे हैं। बता दें कि अमित खरे 13 अक्टूबर को प्रधानमंत्री कार्यालय का हिस्सा बने थे। इसके बाद 16 अहम वर्टिकल्स में बड़े बदलाव हुए थे। जिनमें से 5 की फाइल सीधे अमित खरे के पास जाएंगी। इनमें सभी बड़े सोशल और वेलफेयर वर्टिकल्स हैं, जिनमें शिक्षा, कौशल विकास, स्वास्थ्य, सामाजिक न्याय, महिला एवं बाल विकास, खेल और युवा मामले, आयुष, संस्कृति, पर्यटन, जनजातीय मामलों के साथ-साथ अल्पसंख्यक मामलों जैसे महत्वपूर्ण मंत्रालय भी शामिल हैं।