लखनऊ: shia waqf board इस्लाम धर्म त्याग कर सनातन धर्म अपनाने वाले वसीम रिजवी ( जितेन्द्र नारायण सिंह त्यागी) की मुश्किलें अब बढ़ सकती हैं। उन्हैं कई पदों से हटाया जा सकता है। वर्तमान में वह शिया सेंट्रल वक्फ बोर्ड के सदस्य भी हैं। जबकि नियम के मुताबिक एक मुस्लिम ही बोर्ड का सदस्य बन […]
लखनऊ: shia waqf board इस्लाम धर्म त्याग कर सनातन धर्म अपनाने वाले वसीम रिजवी ( जितेन्द्र नारायण सिंह त्यागी) की मुश्किलें अब बढ़ सकती हैं। उन्हैं कई पदों से हटाया जा सकता है। वर्तमान में वह शिया सेंट्रल वक्फ बोर्ड के सदस्य भी हैं। जबकि नियम के मुताबिक एक मुस्लिम ही बोर्ड का सदस्य बन सकता है। शिया सेंट्रल वक्फ बोर्ड के चेयरमैन अली जैदी को एक अन्य सदस्य सैय्यद फैजी ने पत्र लिखकर जितेंद्र नारायण सिंह त्यागी उर्फ वसीम रिजवी की सदस्यता रद्द करने की मांग की है।
पत्र में लिखा गया है, शिया सेंट्रल वक्फ बोर्ड शिया समाज के लिए एक महत्वपूर्ण संस्था है। ऐसे में हम सबकी जिम्मेदारी है कि इसको सुचारु रूप से चलाया जाए। बोर्ड में सदस्य के रूप में वसीम रिजवी चुने गए थे, किंतु अब उन्होंने मुस्लिम धर्म त्याग दिया है। अत: उनको पद पर बने रहने का कोई अधिकार नहीं है। बोर्ड की आगामी बैठक में सर्वसम्मति से प्रस्ताव लाकर उन्हें पद से हटा देना चाहिए। जितेंद्र नारायण सिंह त्यागी कई जगह की वक्फ संपत्तियों में मुतवल्ली भी हैं, ऐसे में बोर्ड द्वारा उन्हें मुतवल्ली पद से भी बर्खास्त किया जाए। उनके स्थान पर समाज के किसी ऐसे व्यक्ति को मुतवल्ली बनाया जाए जो वक्फ हित में कार्य कर सके।
गौरतलब है कि अपने बयानों और कार्यशैली की वजह से जितेंद्र हमेशा विवादों में रहे हैं। अपने धर्मांतरण और कुरान की आयतों पर टिप्पणी को लेकर उन्हैं मुस्लिम समुदाय की नाराजगी झेलनी पड़ी थी। हाल ही में उनके खिलाफ इलाहाबाद हाई कोर्ट में एक जनहित याचिका दाखिल की गई है। याचिकाकर्ता युसूफ उमर अंसारी ने वसीम रिजवी के लंबे अपराधिक इतिहास का हवाला देते हुए कहा कि वह पैगंबर मोहम्मद व पवित्र कुरान पर विवादित टिप्पणी करके दुनिया भर में माहौल बिगाड़ने का प्रयास कर रहे हैं। कुरान इस्लाम की धार्मिक पुस्तक है जिसमें दुनिया भर के मुस्लिमों का विश्वास है। इसमें किसी प्रकार के संशोधन की बात करना अनुचित है। वह गलत इतिहास प्रस्तुत कर रहे हैं। याचिका में मांग की गई है कि वसीम रिजवी के खिलाफ रासुका के तहत कार्रवाई की जाए। उनके द्वारा की जा रही इंटरनेट मीडिया पर तमाम इस्लाम विरोधी टिप्पणियों को हटाया जाए।