रायपुर। छत्तीसगढ़ में आगामी विधानसभा चुनाव को लेकर कांग्रेस ने तैयारियां तेज़ कर दी हैं। छत्तीसगढ़ और मध्यप्रदेश के चुनाव लगभग एक ही काल में होने की संभावना है। लेकिन कांग्रेस मात्र इस बात से ही खुश है कि, छ्त्तीसगढ़ में प्रत्येक पांच वर्ष में सरकार बदलने का रिवाज नहीं है इसी को लेकर कांग्रेस आगामी विधानसभा चुनाव में अपना फायदा देख रही है।
कांग्रेस का 85वां महाधिवेशन छत्तीसगढ़ की राजनधानी रायपुर में होगा। कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे की अध्यक्षता में संचालन समिती द्वारा मोहर लगा दी गई है।
कांग्रेस ने महाधिवेश के बाद प्रदेश प्रभारी के रूप में कमान वरिष्ठ नेता कुमारी शैलजा को सौंपी है। पार्टी के रणनीतिकारों का कहना है कि, वरिष्ठ नेता पीएल पुनिया की जगह शैलजा को प्रदेश प्रभारी के रूप में जिम्मेदारी देने से कांग्रेस ने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और वरिष्ठ नेता टीएस सिंह देव के बीच पनप रही अंतरकलह पर रोक लगाने की अच्छी कोशिश की है। शैलजा पहली बार किसी प्रदेश में होने वाले चुनावों की कमान संभाल रहीं हैं। पार्टी के शीर्ष नेताओं को शैलजा से पूरी उम्मीद है कि, वह उन्हे छत्तीसगढ़ में जीत दिलवा सकती हैं।
छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के रिश्ते शीर्ष नेतृत्व के साथ पहले से भी बेहतर होते जा रहे हैं। हिमाचल प्रदेश चुनाव में पर्यवेक्षक की भूमिका में उनके काम को सराहा गया महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा के प्रचार एवं बघेल की रणनीति के तहत कांग्रेस ने हिमाचल में जीत दर्ज की जिसके बाद से भूपेश बघेल का कद पार्टी में और बढ़ गया है।
गौरतलब है कि, पीछले चार वर्षों में छत्तीसगढ़ में पांच उपचुनाव हुए हैं। इन सभी उपचुनाव में कांग्रेस ने प्रचंड जीत दर्ज की है। इस दौरान कांग्रेस छत्तीसगढ़ में पंजाब वाली गलती नहीं दोहराना चाहती है।
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