नई दिल्ली: IAS डॉ मिथुन प्रेमराज ने कई बार असफल होने के बावजूद भी हार नहीं मानी और अपने 5वें प्रयास में उन्हें सफलता प्राप्त हुई. जैसे एक क्रिकेट मैच आखिरी गेंद तक गेम खत्म नहीं होता वैसे ही UPSC की परीक्षा भी आखिरी प्रयास तक खत्म नहीं होती. अगर कोई उम्मीदवार इस साल आखिरी […]
नई दिल्ली: IAS डॉ मिथुन प्रेमराज ने कई बार असफल होने के बावजूद भी हार नहीं मानी और अपने 5वें प्रयास में उन्हें सफलता प्राप्त हुई.
जैसे एक क्रिकेट मैच आखिरी गेंद तक गेम खत्म नहीं होता वैसे ही UPSC की परीक्षा भी आखिरी प्रयास तक खत्म नहीं होती. अगर कोई उम्मीदवार इस साल आखिरी प्रयास कर रहा है तो उन्हें डॉ मिथुन प्रेमराज की कहानी अवश्य पढ़नी चाहिए. जिन्होंने 4 बार लगातार असफल होने के बावजूद अपने आखिरी प्रयास में 12 वीं रैंक हासिल कर इतिहास रच दी. जानिए कैसे मिथुन ने आखिरी प्रयास में IAS बनने का अपना सपना साकार किया।
मिथुन ने 12वीं कक्षा पूरी करने के बाद के बाद पुडुचेरी में जवाहरलाल इंस्टीट्यूट ऑफ पोस्टग्रेजुएट मेडिकल एजुकेशन एंड रिसर्च में चिकित्सा का अध्ययन किया फिर उनके बाद उन्होंने पोस्ट ग्रेजुएशन डिप्लोमा किया और डॉक्टर की उपाधि पाई. बता दें कि मिथुन खुद डॉक्टरों के परिवार से आते है और उनके पिता नमी रोग विशेषज्ञ रह चुके हैं. मिथुन की बहन अश्वथी मुक्कम के केएमसीटी मेडिकल कॉलेज में रेडियोलॉजी विभाग में वरिष्ठ रेजिडेंट डॉक्टर हैं।
डाक्टरी की पढ़ाई पूरी करने के बाद मिथुन ने अपने घरवालों से IAS बनने की इच्छा स्पष्ट की. जिसके बाद उनके घरवालों ने पूरा साथ दिया। उसके बाद मिथुन अपनी तैयारी में जुट गए. एक वर्ष की तैयारी के बाद मिथुन ने वर्ष 2016 में IAS की परीक्षा दी, लेकिन वह असफल हो गए. फिर भी मिथुन ने हार नहीं मानी और परीक्षा के प्रयास करते रहे. वह कई बार IAS बनने के करीब तो आए लेकिन उस रैंक तक नहीं पहुंच सके. लेकिन 5वें प्रयास में उन्होंने अपना सपना पूरा किया और UPSC परीक्षा में 12 वीं रैंक हासिल किया. डॉ मिथुन ने के इंटरव्यू की तैयारी से पहले कोविड वार्ड में भी काम किया था।
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