नई दिल्ली। अफगानिस्तान में विनाशकारी भूकंप ने तबाही मचाई है। यहां 6.1 तीव्रता का भूकंप आया. इस भूकंप से चारों तरफ बर्बादी और तबाही का ही आलम दिखाई दे रहा है. समूचे वैश्विक समुदाय ने इस भूकंप से हुई तबाही पर दुख जताया है। अफगान में इस तबाही पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी बुधवार […]
नई दिल्ली। अफगानिस्तान में विनाशकारी भूकंप ने तबाही मचाई है। यहां 6.1 तीव्रता का भूकंप आया. इस भूकंप से चारों तरफ बर्बादी और तबाही का ही आलम दिखाई दे रहा है. समूचे वैश्विक समुदाय ने इस भूकंप से हुई तबाही पर दुख जताया है। अफगान में इस तबाही पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी बुधवार को यानी कल दुख जताते हुए कहा कि भारत जल्द से जल्द हर संभव मदद देने के लिए तैयार है।
बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्वीट करते हुए कहा कि, ‘अफगानिस्तान में विनाशकारी भूकंप की खबर से गहरा दुख हुआ। कीमती जानों के नुकसान पर मेरी गहरी संवेदना है।’ पीएम मोदी ने दूसरे ट्वीट में कहा, ‘भारत मुश्किलों के समय में अफगानिस्तान के लोगों के साथ खड़ा हुआ है और जल्द से जल्द हर संभव आपदा राहत सामग्री उपलब्ध कराने के लिए हम तैयार है।
Deeply saddened at the news of the devastating earthquake in Afghanistan today. My deepest condolences on loss of precious lives.
India stands by the people of Afghanistan in their difficult times and is ready to provide all possible disaster relief material at the earliest.
— Narendra Modi (@narendramodi) June 22, 2022
संयुक्त राष्ट्र प्रमुख गुतारेस ने कहा, अफगानिस्तान में खोस्त शहर में भूकंप के कारण लोगों की मौत की खबर सुनकर दुखी हूं। भूकंप में सैकड़ों लोगों के हताहत होने की सामने आ रही है, और यह दुखद आंकड़ा बढ़ भी सकता है। संयुक्त राष्ट्र प्रमुख ने आगे कहा कि, इस नवीनतम आपदा के शिकार हुए सैकड़ों परिवारों की मदद के लिये हम अंतरराष्ट्रीय समुदाय को आह्वान करते हैं। यह समय एकजुटता का है।
जानकारी के मुताबिक अफगानिस्तान में आए भयानक भूकंप के कारण मौतो का आंकड़ा अब तक 1000 से ज्यादा हो चुका है। यह आंकड़ा बढ़ता ही जा रहा है। वहीं 1500 से ज्यादा लोगों के घायल होने की सूचना है।
भूकंप आने के पीछे जो वजह होती है उसकी वजह ये है कि धरती के अंदर 7 प्लेट्स ऐसी होती हैं जो लगातार घूमती हैं. ये प्लेट्स जिन जगहों पर ज्यादा टकराती हैं, उसे फॉल्ट लाइन जोन कहा जाता है. बार-बार टकराने से प्लेट्स के कोने मुड़ते हैं. जब प्रेशर ज्यादा बनने लगता है कि तो प्लेट्स टूटने लगती हैं. इनके टूटने के कारण अंदर की एनर्जी बाहर आने का रास्ता खोजती है. इसी डिस्टर्बेंस के बाद भूकंप आता है.
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