एआई इंजीनियर अतुल सुभाष ने आत्महत्या करने से पहले डेढ़ घंटे का वीडियो और 24 पन्नों का सुसाइड नोट लिखा. इसमें उन्होंने अपने साथ हुई हर ज्यादती का जिक्र किया. अब सवाल है कि क्या अतुल सुभाष की पत्नी निकिता सिंघानिया उनके पिता से गुजारा भत्ता ले सकती हैं, जानें क्या कहता है कानून?
नई दिल्ली: बेंगलुरु के AI इंजीनियर अतुल सुभाष की आत्महत्या को लेकर पूरे देश में काफी प्रतिक्रियाएं देखने को मिल रही हैं. उत्तर प्रदेश के जौनपुर के रहने वाले इंजीनियर अतुल सुभाष बेंगलुरु की एक कंपनी में आईटी AI इंजीनियर के पद पर कार्यरत थे. पत्नी और ससुराल वालों की मानसिक और आर्थिक प्रताड़ना से तंग आकर अतुल सुभाष ने अपनी जान दे दी. आत्महत्या करने से पहले अतुल सुभाष ने डेढ़ घंटे का वीडियो और 24 पन्नों का सुसाइड नोट छोड़ा. जिसमें उन्होंने अपने साथ हुई हर ज्यादती का जिक्र किया. अब सवाल है कि क्या अतुल सुभाष की पत्नी निकिता सिंघानिया उनके पिता से गुजारा भत्ता ले सकती हैं. इसके लिए क्या नियम हैं?
आपको बता दें कि अतुल सुभाष का अपनी पत्नी निकिता सिंघानिया से तलाक का केस चल रहा था. इसी बात को लेकर अतुल सुभाष के ससुराल वाले उनकी पत्नी के साथ मिलकर उन्हें प्रताड़ित करते थे. अतुल सुभाष से 3 करोड़ रुपये की मांग की गई थी. वह अपनी पत्नी निकिता को हर महीने गुजारा भत्ता भी दे रहे थे. और आत्महत्या करने से पहले अपने डेढ़ घंटे के वीडियो में अतुल सुभाष ने यह भी बताया कि उनकी आत्महत्या की एक सबसे बड़ी वजह यह भी है कि वह अपनी पत्नी को गुजारा भत्ता के तौर पर पैसे दे रहे हैं.
अब जब अतुल सुभाष ने आत्महत्या कर ली है तो लोगों के मन में यह सवाल आ रहा है. क्या अतुल सुभाष की पत्नी निकिता सिंघानिया उनके पिता से गुजारा भत्ता मांग सकती हैं, इसके लिए क्या नियम है. तो आपको बता दें कि कानूनी तौर पर ऐसा कोई स्पष्ट नियम नहीं है. जिससे पति की मौत के बाद पत्नी अपने पति के पिता से गुजारा भत्ता मांग सके. लेकिन अगर निकिता गुजारा भत्ता पाने के लिए केस करना चाहती हैं तो वह कोर्ट केस कर सकती हैं. लेकिन इस पर आखिरी फैसला कोर्ट का होगा. कानूनी तौर पर देखा जाए तो हिंदू उत्तराधिकार अधिनियम 1956 के तहत पैतृक संपत्ति पर पत्नी का कोई अधिकार नहीं है. यानी अतुल सुभाष के पिता के पास जो भी संपत्ति है. उसमें से निकिता सिंघानिया को कुछ नहीं मिलेगा. यानी वह उससे गुजारा भत्ता नहीं मांग सकती।
कानून के मुताबिक अतुल सुभाष की सुसाइड के बाद उनकी जो भी संपत्ति होगी, वो उनके बेटे को मिलेगी। जबकि हिंदू उत्तराधिकार के नियमों के तहत बेटे की संपत्ति पर माता-पिता का बराबर हक होता है। यानी अतुल सुभाष की आत्महत्या के बाद उनके माता-पिता का भी उनकी संपत्ति पर बराबर का हक होगा।
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