अजित पवार का एक और धमाका, कांग्रेस सरकार में सीएम रहे इस नेता को बता दिया नंबर 1

महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव प्रचार के दौरान एनसीपी नेता अजित पवार न केवल भाजपा के बंटेंगे तो कटेंगे जैसे नारों को नकार रहे हैं बल्कि अलग स्टैंड भी ले रहे हैं. अब उन्होंने कांग्रेस के स्वर्गीय नेता विलासराव देशमुख को सबसे बेहतर सीएम बता दिया है. चुनाव परिणाम आने के बाद क्या वह फिर पलटी मारेंगे या अपनी ज्यादा से ज्यादा सीटें जीतने की ये रणनीति है.

Advertisement
अजित पवार का एक और धमाका, कांग्रेस सरकार में सीएम रहे इस नेता को बता दिया नंबर 1

Vidya Shanker Tiwari

  • November 16, 2024 5:49 pm Asia/KolkataIST, Updated 5 hours ago

मुंबई. राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी अजित गुट के नेता अजित पवार ने चुनाव के अंतिम दौर में एक और धमाका कर दिया है और उन्होंने कांग्रेस नेता के शान में कसीदे गढ़े हैं. इससे पहले उन्होंने भाजपा नेता और यूपी सीएम योगी आदित्यनाथ के ‘बंटेंगे तो कटेंगे’ वाले नारे का विरोध किया था और उनके पार्टी के नेता नवाब मलिक ने तो मोदी-योगी को नेता मानने से ही इनकार कर दिया था. इसके अलावा उनकी पार्टी के अन्य नेताओं ने भी उल्टे सीधे बयान दिये. इसके बाद सवाल पूछे जा रहे हैं कि चुनाव बाद अजित पवार का कोई और प्लान है क्या? हांलाकि उन्होंने महायुति के चुनाव जीतने और सरकार बनाने के दावे में कोई कोर कसर नहीं छोड़ी है.

अजित पवार के बदले बदले अंदाज

झारखंड के साथ महाराष्ट्र में भी विधानसभा का चुनाव है. झारखंड में जहां दो चरणों में चुनाव हो रहे है वहीं महाराष्ट्र में एक ही चरण में 20 नवंबर को वोट डाले जाएंगे. वहां पर महायुति और महाविकास अघाड़ी में आमने सामने का मुकाबला है. महायुति में भाजपा शिवसेना शिंदे गुट और एनसीपी अजित पवार गुट शामिल है, वहीं महाविकास अघाड़ी में कांग्रेस, एनसीपी शरद पवार गुट और शिवसेना यूबीटी शामिल हैं. भाजपा इस चुनाव में वोटो के ध्रुवीकरण के लिए कोई कोर कसर नहीं छोड़ रही है लिहाजा योगी के नारे ‘बंटेंगे तो कटेंगे’ को देवेंद्र फडणवीस खूब उछाल रहे हैं.

अजित पवार बोले देशमुख सबसे अच्छे

सत्ता में आने पर सीएम कौन बनेगा इसका जवाब देना भी अजित पवार नहीं भूलते. वह कहते हैं कि विधायक दल की बैठक होगी उसमें तय होगा जबकि भाजपा के चाणक्य इशारों ही इशारों में जीतने पर फडणवीस को सीएम उम्मीदवार बता दिया है. इस पर शिवसेना शिंदे गुट तो कुछ नहीं बोल रहा लेकिन अजित पवार और उनकी पार्टी के नेता इसे नकार रहे हैं. अब अजित पवार ने एक न्यूजपेपर को दिये इंटरव्यू में स्वर्गीय विलासराव देशमुख को सबसे अच्छा सीएम बता दिया हैं. मतलब साफ है कि देवेंद्र फडणवीस और एकनाथ शिंदे उन्हें नहीं भा रहे हैं. सरकार चलाने में भी समय समय पर अनबन की खबरें आती रही है. 2019 में दिल्ली में में गौतम अडानी, अमित शाह, शरद पवार, देवेंद्र फडणवीस और अजित पवार के बीच बैठक होने की बात तो उन्होंने मानी है लेकिन अडानी की मौजूदगी से इनकार कर दिया है.

अजित पवार फिर मारेंगे पलटी

2019 में चुनाव परिणाम आने के बाद रातों रात देवेंद्र फडणवीस ने सीएम और इसी अजित पवार ने डिप्टी सीएम पद की शपथ लेकर सियासी गलियारे में तहलका मचा दिया था. बाद में मान मनौव्वल हुआ और अजित पवार चाचा शरद पवार के पाले में लौट आये. वह उधर से इधर आ तो गये लेकिन महत्वाकांक्षाएं कुलांचे भर रही थी और ज्यादा दिनों तक वह चाचा शरद पवार के साथ नहीं रह पाये. जब शिवसेना टूटी, महाविकास अघाड़ी सरकार और उद्धव ठाकरे की विदाई हुई, एकनाथ शिंदे के नेतृत्व में सरकार बनी तो वह दोबारा पलटी मारकर सत्ता के साथ आ गये और डिप्टी चीफ मिनिस्टर बन गये. पहली बार और दूसरी बार पलटी मारने में अंतर यह रहा कि वह ज्यादे विधायकों और नेताओं के साथ महायुति से जुड़े.

पवार ने महायुति में मचाई हलचल

नतीजा यह हुआ कि चुनाव आयोग ने अजित पवार गुट को ही असली एनसीपी माना और पार्टी का चुनाव चिन्ह घड़ी उन्हें दे दिया. कहा तो यहां तक गया कि यह सब चाचा शरद पवार की मिलीभगत से हुआ लेकिन राजनीति की तासीर ऐसी है कि जो होता है वह दिखता नहीं और जो दिखता है वो होता नहीं. अब एक बार फिर अजित पवार के सुर बदले हुए हैं और वह लगातार भाजपा नेताओं और उनके नारों का विरोध कर रहे हैं लिहाजा सवाल उठ रहे हैं कि क्या वह फिर से पलटी मारेंगे या उनका ये बयान चुनाव जीतने की रणनीति है.

Read Also-

न शिंदे, न उद्धव, न देवेंद्र और न अजित… ये महिला नेता बन सकती है महाराष्ट्र की नई सीएम!

Advertisement