बीजेपी नेता रावसाहेब दानवे ने कहा कि महाराष्ट्र के अगले मुख्यमंत्री का नाम तय है. अब बस आलाकमान की हरी झंडी मिलने का इंतजार है.
आदित्य ठाकरे ने कहा कि विधानसभा चुनाव परिणाम आए इतने दिन बीत चुके हैं, लेकिन अभी तक महायुति मुख्यमंत्री का फैसला नहीं कर पाया है. ये पूरी तरह से महाराष्ट्र की जनता का अपमान है.
महाराष्ट्र में सरकार गठन को लेकर खींचतान के बीच दिल्ली में महागठबंधन की बैठक हुई. केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के साथ इस बैठक में उन्होंने मंत्रिमंडल में शामिल होने के इच्छुक विधायकों की रिपोर्ट मांगी है. इस बड़ी बैठक की इनसाइड स्टोरी सामने आ गई है, जिसमें इस बात का खुलासा हुआ है कि अमित शाह ने किस आधार पर विधायकों का रिपोर्ट कार्ड मांगा.
सियासी गलियारों में चर्चा ये भी है कि अजित पवार और उनकी पार्टी एनसीपी ने बिना शर्त बीजेपी को समर्थन दिया है. जिससे अब भाजपा के बहुमत से कहीं ज्यादा नंबर हैं.
राजनीतिक विश्लेषकों की मानें तो एकनाथ शिंदे को डर है कि अगर देवेंद्र फडणवीस सीएम बने तो इससे उनका सियासी कद छोटा हो सकता है. फडणवीस पहले भी 5 साल तक मुख्यमंत्री रह चुके हैं.
दिल्ली में बीजेपी आलाकमान एकनाथ शिंदे से नाराज है. भाजपा चाहती है कि शिंदे खेमा ज्यादा मोलभाव न कर सरकार में शामिल हो और डिप्टी सीएम का पद स्वीकार करे.
महाराष्ट्र में मुख्यमंत्री पद पर सस्पेंस बरकरार है. इस बीच कार्यवाहक मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के बेटे श्रीकांत शिंदे ने कहा है कि वह मंत्री पद की दौड़ में नहीं हैं. मेरे उपमुख्यमंत्री बनने की खबर बेबुनियाद है. दरअसल, महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में बीजेपी सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी है और मुख्यमंत्री पद पर दावा कर रही है. वहीं, बीजेपी के साथ महागठबंधन में शामिल एकनाथ शिंदे की शिवसेना ने इस पर अपना रुख साफ नहीं किया है.
अभी तक महाराष्ट्र की नई सरकार का जो फॉर्मूला आया है, उसमें मुख्यमंत्री का पद भाजपा के पास रहेगा. वहीं शिवसेना (शिंदे गुट) और एनसीपी (अजित गुट) को डिप्टी सीएम का पद दिया जाएगा. मंत्रालयों की बात करें तो वित्त मंत्रालय अजित पवार को मिल सकता है.
शिंदे ने कहा कि मुख्यमंत्री के नाम पर फैसला प्रधानमंत्री मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह लेंगे. इस दौरान जब मीडिया वालों ने एकनाथ शिंदे से गृह मंत्रालय को लेकर चल रही खींचतान पर सवाल किया तो उन्होंने इसका जवाब नहीं दिया.
महाराष्ट्र के छत्रपति संभाजीनगर में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ प्रमुख मोहन भागवत के बयान पर प्रतिक्रिया दी. ओवेसी ने जनसंख्या वृद्धि और अन्य मुद्दों पर अपनी राय रखी है, जिसमें मोहन भागवत के बयान पर तीखी टिप्पणी भी शामिल है. उन्होंने अजमेर शरीफ दरगाह से जुड़े विवाद पर भी बात की और महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में अपनी पार्टी के प्रदर्शन को लेकर उनकी नीतियों का भी समर्थन किया.