महाराष्ट्र के मुख्य चुनाव अधिकारी के कार्यालय ने 'एक्स' पर एक पोस्ट में कहा, "झूठे दावों से जुड़ी इसी तरह की घटना में आयोग के निर्देश पर व्यक्ति (शुजा) के खिलाफ 2019 में दिल्ली में एफआईआर दर्ज की गई थी, जो दूसरे देश में छिपा हुआ है।"
आज महाराष्ट्र में विधायक दल की बैठक भी होने वाली है जिसमें सीएम का नाम फाइनल होगा। लेकिन उससे पहले कार्यवाहक मुख्यमंत्री शिंदे ने बड़ा बयान दे दिया है। शिंदे ने कहा है कि महाराष्ट्र की जनता चाहती है कि मैं सीएम बनूं।
देवेंद्र फडणवीस 2014 से 2019 तक महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री रह चुके हैं। अक्टूबर 2019 में उन्होंने दूसरी बार सीएम पद की शपथ ली थी लेकिन 3 दिन बाद ही इस्तीफा देना पड़ा था।
शिवसेना यूबीटी नेता प्रियंका चतुर्वेदी ने कहा कि राज्यपाल से सरकार बनाने के लिए कोई अनुरोध नहीं किया गया है। विधानसभा का कार्यकाल 25 नवंबर को समाप्त हो गया। उन्हें इतना बड़ा बहुमत मिला है, आठ दिन बीत गए हैं और कोई संवाद नहीं है। हर कोई दिखा रहा है कि 'सब ठीक है', लेकिन सब ठीक नहीं है।
महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के नतीजे आये हफ्ते हो गए लेकिन मुख्यमंत्री कौन बनेगा, इसका फैसला अब तक नहीं हो पाया है। नई सरकार 5 दिसंबर को शपथ लेगी लेकिन सीएम कौन बनेगा यह अब तक स्पष्ट नहीं हुआ है।
Bhai Jagtap: महाराष्ट्र चुनाव के नतीजे कांग्रेस की पक्ष में नहीं आए हैं। राज्य में पार्टी ने अब तक का शर्मनाक प्रदर्शन किया है। नतीजे आने के बाद से कांग्रेस लगातार चुनाव आयोग और ईवीएम को लेकर सवाल खड़े कर रही। शुक्रवार को कांग्रेस नेता जगताप ने चुनाव आयोग को लेकर आपत्तिजनक टिप्पणी की।
शुक्रवार यानी 29 नवंबर को एनसीपी शरद पवार गुट के नेता जितेंद्र आव्हाड ने सीएम एकनाथ शिंदे से मुलाकात की थी। इस मुलाकात के बाद से राज्य में सियासी हलचल और तेज हो गई है। मीटिंग को लेकर जितेंद्र आव्हाड ने कहा कि वो किसी निजी काम से मिलने गए थे। रही बात मुख्यमंत्री पद न मिलने से नाराज होने की तो कोई चेहरा देखकर कैसे बता सकता है।
शुक्रवार यानी 29 नवंबर को एनसीपी शरद पवार गुट के नेता जितेंद्र आव्हाड ने सीएम एकनाथ शिंदे से मुलाकात की थी। इस मुलाकात के बाद से राज्य में सियासी हलचल और तेज हो गई है।
सृष्टि तुली, जो एयर इंडिया में पायलट थीं, मुंबई के अंधेरी इलाके में रहती थीं। घटना रविवार देर रात की है। सृष्टि के चाचा विवेक तुली ने बताया कि रविवार रात सृष्टि ने गोरखपुर में अपनी मां से बात की थी।
सरपंच शरद अरगडे ने कहा कि गांव में बातचीत के दौरान अक्सर महिलाएं अपशब्दों का निशाना बनती थीं। कई लोग यह भूल जाते थे कि उनके घरों में भी माताएं और बहनें हैं। इस स्थिति को बदलने और महिलाओं को हर हाल में सम्मान देने के लिए यह कदम उठाया गया।