केंद्र सरकार ने आज एक बड़ा फैसला लेते हुए हज यात्रा पर मिलने वाली सब्सिडी को खत्म कर दिया है. अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने कहा कि इस पैसे को मुस्लिम समाज की पढ़ाई पर खर्च किया जाएगा.
नई दिल्ली. पिछले तीन सालों से हैदराबाद के सांसद और एआईएमआईएम के अध्यक्ष असदउद्दीन ओवैसी सरकार से मांग कर रहे थे कि हज यात्रा पर सब्सिडी खत्म कर उस पैसे को मुस्लिम लड़कियों की पढ़ाई पर खर्च किया जाए. ऐसे में आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार ने ओवैसी की इस मांग को पूरा करते हुए हज यात्रा पर से सब्सिडी खत्म कर दी है. बता दें कि 1932 में ब्रिटिश हुकूमत ने दपोर्ट हज कमेटी बना कर हज यात्रा पर सब्सिडी लेने की शुरुआत की थी. जिसे आजादी के बाद 1959 में हज एक्ट बनाकर बरकरार रखा गया. हर साल लगभग डेढ़ लाख भारतीय हज यात्रा पर मक्का मदीना जाते रहे हैं जिन्हें औसतन एक लाख रुपये से ज्यादा की सब्सिडी मिलती थी. जस्टिस अल्तमश कबीर और रंजना देसाई की बेंच ने हज सब्सिडी को असंवैधानिक और कुरान के खिलाफ बताया था.
सबका साथ, सबका विकास, तुष्टीकरण किसी का नहीं. इसी नारे पर अमल करते हुए केंद्र सरकार ने आज से हज यात्रा पर सब्सिडी खत्म करने का एलान कर दिया. अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने कहा है कि हज सब्सिडी पर जो पैसा खर्च होता था, उसे अब मुस्लिम समाज की शिक्षा पर खर्च किया जाएगा. वैसे हज सब्सिडी खत्म करके मुस्लिम बच्चियों की पढ़ाई पर खर्च करने की वकालत सबसे पहले असदुद्दीन ओवैसी ने की थी. अब सरकार ने ओवैसी की मुराद पूरी कर दी है. क्या सही मायने में धर्मनिरपेक्षता की ओर ये पहला बड़ा कदम है , क्या हज यात्रा की सब्सिडी का पैसा मुस्लिम समाज की पढ़ाई पर खर्च करना सही कदम है.
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