इंडिया न्यूज के कार्यक्रम महाबहस में आज अमेरिका की पाकिस्तान को लेकर उस कार्रवाई पर चर्चा की गई जिसमें उसने पाकिस्तान को सैन्य आर्थिक सहायता देने पर रोक लगा दी है और कहा है कि वह पाक की तब तक मदद नहीं करेगा जब तक वह आतंकियों को पालना बंद नहीं करता.
नई दिल्ली. पिछले साल भारत ने संयुक्त राष्ट्र में पाकिस्तान को आतंकिस्तान बताया था. अब अमेरिका भी पाकिस्तान को आतंकिस्तान मानने को मजबूर हो गया है. अमेरिका ने आतंकियों को पालने के जुर्म में पाकिस्तान को सजा देनी भी शुरू कर दी है. नए साल पर अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने ट्वीट किया था कि पिछले 15 साल में पाकिस्तान को आतंक के खिलाफ जंग के नाम पर 33 अरब डॉलर की सहायता दी गई, जिसके बदले में पाकिस्तान ने सिर्फ झूठ बोला और धोखा दिया. अमेरिका से पैसे लेकर पाकिस्तान आतंकियों को पनाह देता रहा. पाकिस्तान के पालतू आतंकियों ने अफगानिस्तान में अमेरिकी सैनिकों पर हमले किए. अब इस जुर्म की सज़ा देते हुए अमेरिका ने पाकिस्तान को सैन्य आर्थिक सहायता देने पर रोक लगा दी है.
अमेरिका अब गठबंधन सहायता फंड से पाकिस्तान को तब तक फूटी कौड़ी नहीं देगा, जब तक कि पाकिस्तान आतंकियों को पालना बंद नहीं करेगा. अमेरिका के इस फैसले से पाकिस्तान को करीब 90 करोड़ डॉलर का झटका लगा है. इससे पहले अमेरिका ने पाकिस्तान पर 25 करोड़ 50 लाख डॉलर की सैन्य सहायता पर रोक लगाई थी. एक अरब डॉलर की पेमेंट रुकने का पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था पर बुरा असर पड़ना तय है, क्योंकि पाकिस्तान का विदेशी मुद्रा भंडार सिर्फ 20 अरब डॉलर है. अमेरिका के तेवर बेहद सख्त हैं. उसने साफ-साफ कहा है कि अगर तालिबान और हक्कानी नेटवर्क के खिलाफ पाकिस्तान ने निर्णायक कार्रवाई नहीं की, तो वो अमेरिका से आर्थिक सहायता के बारे में भूल जाए. अब ये सवाल बड़ा हो गया है कि पाकिस्तान क्या आतंकियों को पालना बंद कर देगा या आतंकी संगठनों का नाम बदलकर भारत और अफगानिस्तान में अपनी नापाक हरकतें जारी रखेगा ?
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