नई दिल्ली: पिछले हफ्ते की शुरुआत में आरजेडी अध्यक्ष लालू यादव पूरे देश में मोदी विरोधी महागठबंधन बनाने की कवायद में जुटे थे. अब लालू यादव के परिवार और पार्टी के राजनीतिक भविष्य के साथ-साथ बिहार में महागठबंधन भी खतरे में है. बिहार के डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव के खिलाफ सीबीआई ने केस दर्ज़ किया है. तेजस्वी पर दबाव है कि वो इस्तीफा दें.
नीतीश कुमार धर्मसंकट में हैं कि अपनी छवि बचाएं या महागठबंधन. तेजस्वी के नाम पर उन्होंने चार दिनों से चुप्पी साध रखी है. आरजेडी, जेडीयू और कांग्रेस के नेता दावा कर रहे हैं कि बिहार में महागठबंधन को खतरा नहीं है. अगर ऐसा है, तो बिहार में महागठबंधन के भविष्य को लेकर तीनों पार्टियों में बेचैनी क्यों नज़र आ रही है ? क्या नीतीश की चुप्पी महागठबंधन के लिए खतरे की घंटी है, आज इन्हीं सवालों पर होगी महाबहस.
संकट के समय मित्रों और सहयोगियों की पहचान होती है. बिहार में महागठबंधन के सूत्रधार और आरजेडी सुप्रीमो लालू यादव और उनके परिवार की मुश्किलें बढ़ी हुई हैं. राजनीति भविष्य अंधकारमय है और महागठबंधन में लालू के पार्टनर नीतीश कुमार ने चुप्पी साध रखी है.
नीतीश कुमार की सरकार में डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव का नाम रेलवे होटल घोटाले के आरोपियों में है. अपनी छवि को लेकर सतर्क रहने वाले नीतीश कुमार पर दबाव है कि वो तेजस्वी को अपनी सरकार से दूर रखें.
ऐसा हुआ तो आरजेडी संकट में फंस जाएगी, क्योंकि पार्टी चलाने के लिए लालू परिवार में ऐसा कोई नहीं है, जो घोटालों और बेनामी संपत्तियों के जाल में ना फंसा हो. चूंकि नीतीश कुमार ने अपने पत्ते नहीं खोले हैं, इसलिए लालू यादव ने आज आरजेडी विधायकों की बैठक बुलाई और इस बात पर मुहर लगवा ली कि तेजस्वी इस्तीफा नहीं देंगे.
अब नीतीश कुमार का फैसला होगा, सबकी निगाहें इसी पर टिकी हैं. बिहार में महागठबंधन का भविष्य भी नीतीश कुमार के फैसले से तय होगा. नीतीश कुमार ने कल यानी मंगलवार को अपनी पार्टी के विधायकों की बैठक बुलाई है. उससे पहले आरजेडी, कांग्रेस और जेडीयू के नेता दावा कर रहे हैं कि महागठबंधन को कोई खतरा नहीं है.
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