नई दिल्ली: सिक्किम बॉर्डर पर 19 जून से भारत और चीन की सेनाएं आमने-सामने हैं. नाथू ला के रास्ते कैलाश मान सरोवर यात्रा रद्द हो चुकी है. चीन की मीडिया और विदेश मंत्रालय के अफसर जंग की धमकी दे रहे हैं. अब तो चीन हेकड़ी दिखाने के लिए झूठ भी बोलने लगा है.
चीन का दावा है कि उसने सिक्किम बॉर्डर विवाद के चलते जी-20 के दौरान प्रधानमंत्री मोदी के साथ शी जिनपिंग की मुलाकात रद्द कर दी है. जबकि सच्चाई ये है कि हैम्बर्ग में मोदी और जिनपिंग की मुलाकात होनी ही नहीं थी. आखिर झूठ बोलकर क्या साबित करना चाहता है चीन ? भारत के साथ विवाद क्यों बढ़ा रहा है चीन, आज इसी मुद्दे पर होगी महाबहस.
पिछले 55 साल से चीन की सेना भारत में घुसपैठ करती रही है. कभी अरुणाचल प्रदेश, कभी उत्तराखंड तो कभी लेह में चीनी सैनिकों की हरकतों को भारत झेलता रहा. भारत हमेशा ये कहकर विवाद को बढ़ने से रोकता था कि लाइन ऑफ एक्चुलअ कंट्रोल यानी एलएसी को लेकर भ्रम हो जाता है, इसलिए गलती से चीनी सैनिक भारत में आ जाते हैं. लेकिन, इस बार चीनी फौज और चीन की सरकार ने सारी हदें पार कर दी हैं.
सिक्किम बॉर्डर पर नाथू ला से करीब 15 किलोमीटर दूर चीनी सेना ने जून में डोकलाम इलाके में सड़क बनानी शुरू की. ये इलाका भारत, भूटान और चीन की सीमा पर है. डोकलाम की ज़मीन भूटान की है. भूटान के विरोध और अपनी सुरक्षा को खतरा मानते हुए भारतीय सेना ने चीनी सैनिकों को रोक दिया.
इससे चिढ़कर चीन ने नाथू ला के रास्ते कैलाश मानसरोवर जाने वाले तीर्थयात्रियों को रोक दिया. विवाद इतना बढ़ा कि नाथू ला के रास्ते कैलाश मान सरोवर यात्रा को इस साल रद्द कर देना पड़ा. सीमा पर भारत और चीन की सेना आज भी आमने-सामने खड़ी है.
चीन ने डोकलाम में अपने सैनिकों की तैनाती बढ़ाई तो भारत को भी सिक्किम में अतिरिक्त सैनिक भेजने पड़े, जिन्हें नॉन कॉम्बैट यानी जंग की बजाय सामान्य ड्यूटी के लिए तैनात किया गया है. सिक्किम बॉर्डर पर तनाव के बीच चीन की सरकारी मीडिया और चीनी विदेश मंत्रालय ने तनाव बढ़ाने में कोई कसर नहीं छोड़ा है.
चीन की सरकार लगातार झूठ पर झूठ बोल रही है. पहले कहा गया कि डोकलाम भूटान का नहीं, बल्कि चीन का हिस्सा है. आज चीन ने दावा किया कि हैम्बर्ग में मोदी के साथ शी जिनपिंग की मुलाकात रद्द कर दी गई है, क्योंकि माहौल ठीक नहीं है.
भारतीय विदेश मंत्रालय का कहना है कि हैम्बर्ग में मोदी की जिनपिंग के साथ कोई मुलाकात होनी ही नहीं थी, तो फिर उसके रद्द होने का सवाल कहां उठता है ? चीन के सरकारी अखबार ग्लोबल टाइम्स ने आज नई धमकी भी दे डाली है. उसने कहा है कि अगर भारतीय सेना डोकलाम से पीछे नहीं हटी तो चीन सिक्किम की आजादी की मांग करने वालों को समर्थन देना शुरू कर देगा.
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