नई दिल्ली: आपके मुद्दे आपके मतलब की बात और आपकी आवाज़ बुलंद करने वाले इस ‘महाबहस’ में आपका स्वागत है. आज हम बात करेंगे मध्य प्रदेश के किसान आंदोलन के बारे में है.
किसान आंदोलन की जो चिंगारी महाराष्ट्र से मध्य प्रदेश पहुंची थी, उसे नेताओं ने हवा दी और आज मध्यप्रदेश का बड़ा हिस्सा किसान आंदोलन की आग में झुलस रहा है. राहुल गांधी को मंदसौर जाने से रोकने का विरोध करने के लिए कांग्रेस ने देश के कई इलाकों में प्रदर्शन किया और अब बाकी दलों ने भी किसानों की बदहाली पर सरकार को घेरने के लिए मध्य प्रदेश का रुख करना शुरू कर दिया है.
बात अगर मध्य प्रदेश की करें, तो नौवें दिन भी किसानों का उग्र आंदोलन जारी है. अपनी उपज का वाजिब दाम तय करने की मांग कर रहे किसानों ने भोपाल-इंदौर हाइवे जाम करने की कोशिश की है. इस दौरान पुलिस और किसानों के बीच झड़प हुई. किसानों ने जब हाइवे पर गाड़ियां तोड़नी शुरू कर दीं, तो हालात संभालने के लिए पुलिस को लाठीचार्ज करने के साथ-साथ आंसू गैस के गोले भी दागने पड़े.
जिस मंदसौर में पुलिस फायरिंग में 5 किसानों की मौत हुई थी, वहां आज कर्फ्यू में ढील दी गई. प्रशासन ने दावा किया कि हालात काबू में हैं. लेकिन मध्यप्रदेश में किसान आंदोलन से प्रभावित बाकी इलाकों में तोड़-फोड़ और आगजनी का दौर जारी है.
कांग्रेस कार्यकर्ता भी कई जगहों पर रेल चक्का जाम और नारेबाज़ी करते रहे. किसान आंदोलन पहले गैर राजनीतिक दिख रहा था, लेकिन अब लगातार ऐसे वीडियो सामने आ रहे हैं, जिसमें कांग्रेस के नेता किसानों को पुलिस वालों से भिड़ने और आगजनी के लिए उकसाते दिख रहे हैं.