नई दिल्ली: कश्मीर में पत्थरबाज को जीप से बांधने वाले मेजर गोगोई के बचाव में उतरे आर्मी चीफ जनरल बिपिन रावत की इतिहासकार पार्था चटर्जी ने जनरल डायर से तुलना की है. वहीं सीपीएम महासचिव प्रकाश करात ने कहा कि आर्मी चीफ सेना की नहीं मोदी सरकार की भाषा बोल रहे हैं.
चटर्जी ने न्यूज पोर्टल वायर के लेख में लिखा कि अभी कश्मीर ‘जनरल डायर मोमेंट’ से गुजर रहा है. चटर्जी ने लिखा की 1919 में ब्रिटिश आर्मी ने जो पंजाब में किया वही आज कश्मीर में इंडियन आर्मी कर रही है और इन दोनों की सफाई में जो दलील दी गई उसमें काफी समानताएं है.
चटर्जी ने अपने लेख में लिखा है कि मेजर गोगोई ने जो किया उस पर सेना की सफाई, हंटर कमीशन में जनरल डायर के दिए सफाई जैसी ही है. बता दें कि 13 अप्रैल 1919 को जनरल डायर ने अमृतसर के जलियांवाला बाग में निहत्थे हिंदुस्तानियों पर गोलियां चलवाई थी जिसमें 1000 से ज्यादा लोगों की मौत हो गई थी.
हमारा सवाल इसी से जुड़ा है कि क्या इतिहासकार पार्था चटर्जी का आर्मी चीफ की तुलना जनरल डायर से करना किसी एजेंडा का हिस्सा है और प्रकाश करात जैसे बड़े नेताओं का सेना पर सवाल खड़े करना क्या ठीक है. सबसे बड़ी बात की पार्था चटर्जी अब भी अपने लेख पर कायम है.
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