दशकों से देश में गाड़ी की छत पर लालबत्ती का मतलब सत्ता ही रहा है. संवैधानिक पदों पर बैठे नेता और बड़े-बड़े अफसरों के लिए लाल-नीली बत्ती प्रोटोकॉल का हिस्सा थी, जिसे मोदी सरकार ने खत्म कर दिया है. कई राज्यों के मुख्यमंत्रियों, मंत्रियों और केंद्रीय मंत्रियों ने अपनी-अपनी गाड़ियों से लालबत्ती हटा भी दिया है.