नई दिल्ली. उत्तर प्रदेश में मायावती को गाली देने से राजनीति का जो गंदा चैप्टर शुरू हुआ था, उसे बीएसपी नेताओं की गालियों ने और घिनौना बना दिया है. दूसरी पार्टियों में भी ऐसे नेताओं की कमी नहीं है, जिनकी जुबान बेलगाम चलती है.
राजनीतिक विरोध के नाम पर किसी की मां-बहन या बेटी को बेइज्ज़त करना सही कैसे हो सकता है ? और राजनीति से गाली-गलौज की दुर्गंध कैसे दूर होगी. इंडिया न्यूज के खास शो बड़ी बहस में इन्हीं सवालों पर पेश है चर्चा.
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