कन्हैया और उनके समर्थक अभी भी बोलने की आजादी का ढोल पीटेंगे ?

देशभर में जवाहरलाल नेहरु यूनिवर्सिटी विवाद पर बहस छिड़ी हुई है. मंगलवार को जेएनयू छात्रसंघ अध्यक्ष कन्हैया कुमार की अगुवाई में छात्र उमर खालिद और अनिर्बान भट्टाचार्य की रिहाई के लिए मार्च निकाला गया. इन छात्रों पर देशद्रोही नारेबाजी करने का आरोप है.

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कन्हैया और उनके समर्थक अभी भी बोलने की आजादी का ढोल पीटेंगे ?

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  • March 15, 2016 5:51 pm Asia/KolkataIST, Updated 9 years ago
नई दिल्ली. देशभर में जवाहरलाल नेहरु यूनिवर्सिटी विवाद पर बहस छिड़ी हुई है. मंगलवार को जेएनयू छात्रसंघ अध्यक्ष कन्हैया कुमार की अगुवाई में छात्र उमर खालिद और अनिर्बान भट्टाचार्य की रिहाई के लिए मार्च निकाला गया. इन छात्रों पर देशद्रोही नारेबाजी करने का आरोप है.
 
इस बीच तिहाड़ जेल से 6 महीने की अंतरिम जमानत पर रिहाई के बाद कन्हैया कुमार बस एक ही राग अलाप रहे हैं कि वो बेगुनाह हैं. केंद्र सरकार उन्हें फंसाने की कोशिश कर रही है और वे इस देश को बुराईयों से आजादी दिलाने के पक्षधर हैं.
 
लेकिन खुद जेएनयू ने उनके इस झूठ का पर्दाफाश कर दिया है तो क्या कन्हैया और उनके समर्थक अभी भी बोलने की आजादी का ढोल पीटेंगे ?  इंडिया न्यूज के खास शो ‘बड़ी बहस’ में इसी मुद्दे पर आज होगी चर्चा. 
 
 
 
वीडियो पर क्लिक करके देखिए पूरा शो
 

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