नई दिल्ली: आजकल अच्छी और गहरी नींद का अभाव एक बड़ी समस्या बनता जा रहा है। जबकि अच्छी नींद हमारे शरीर और दिमाग को स्वस्थ रखने के लिए अत्यंत आवश्यक है। नींद के दौरान हमारा शरीर खुद को रिपेयर करता है, इम्यून सिस्टम को मजबूत बनाता है. इसके अलावा दिमाग को शांति और ऊर्जा प्रदान […]
नई दिल्ली: आजकल अच्छी और गहरी नींद का अभाव एक बड़ी समस्या बनता जा रहा है। जबकि अच्छी नींद हमारे शरीर और दिमाग को स्वस्थ रखने के लिए अत्यंत आवश्यक है। नींद के दौरान हमारा शरीर खुद को रिपेयर करता है, इम्यून सिस्टम को मजबूत बनाता है. इसके अलावा दिमाग को शांति और ऊर्जा प्रदान करता है, लेकिन आजकल की व्यस्त जीवनशैली और कुछ गलत आदतें हमारी नींद को प्रभावित कर रही हैं।
नींद की गुणवत्ता को सुधारने के लिए कुछ आदतों में बदलाव की आवश्यकता है। सबसे पहले, गैजेट्स से दूरी बनाना महत्वपूर्ण है। आज के समय में लोग अक्सर सोने से पहले मोबाइल, टीवी या लैपटॉप का उपयोग करते हैं। हालांकि, इन उपकरणों से निकलने वाली ब्लू लाइट मेलाटोनिन हार्मोन के उत्पादन में बाधा डालती है, जो हमारी नींद के लिए आवश्यक है। विशेषज्ञों के अनुसार, सोने से एक घंटा पहले इन गैजेट्स का उपयोग बंद कर देना चाहिए या अगर उपयोग करना अनिवार्य हो तो ब्लू लाइट फिल्टर का उपयोग करना चाहिए।
इसके अलावा, सोने और जागने का एक नियमित समय निर्धारित करना भी नींद की गुणवत्ता को सुधार सकता है। अनियमित नींद की आदतों से सर्केडियन रिदम प्रभावित होती है, जिससे हमारी बायोलॉजिकल क्लॉक असंतुलित हो जाती है। एक नियमित समय पर सोने और जागने से यह समस्या दूर हो सकती है, जिससे आपको बेहतर नींद मिलेगी।
सोने से पहले रिलेक्सिंग तकनीकें अपनाना भी फायदेमंद हो सकता है। एक सरल और प्रभावी तरीका है 4-7-8 ब्रीदिंग टेक्निक। इसमें आपको 4 तक गिनते हुए नाक से सांस लेनी है, फिर 7 तक गिनते हुए सांस को रोकना है और अंत में 8 तक गिनते हुए धीरे-धीरे मुंह से सांस छोड़नी है। यह तकनीक शरीर को रिलेक्स करती है और नींद को बढ़ावा देती है।
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