नई दिल्ली : दिवाली का जश्न आने वाली 31 अक्टूबर को मनाया जाएगा. हिंदू धर्म के इस सबसे बड़े त्योहार का संबंध भगवान राम की घर वापसी से जुड़ा है. वैसे ये माता लक्ष्मी और भगवान गणेश की विशेष पूजा का भी खास मौका भी होता है. त्योहारों के दौरान खानपान में लोग हद से […]
नई दिल्ली : दिवाली का जश्न आने वाली 31 अक्टूबर को मनाया जाएगा. हिंदू धर्म के इस सबसे बड़े त्योहार का संबंध भगवान राम की घर वापसी से जुड़ा है. वैसे ये माता लक्ष्मी और भगवान गणेश की विशेष पूजा का भी खास मौका भी होता है. त्योहारों के दौरान खानपान में लोग हद से ज्यादा मीठा या तला-भुना खाते हैं जिस वजह से हर समय अपच या गैस या एसिडिटी की समस्या बनी रहती है. वैसे फेस्टिवल्स के दौरान लोगों के खाने का भी कोई समय नहीं होता है. खरीदारी या दूसरी काम में व्यस्त रहने के चलते शाम के चार बजे लंच करना या फिर रात में 11 बजे डिनर करना नॉर्मल है.
आयुर्वेद कहता है कि वजह से शरीर में दोष बढ़ने लगता है और पेट का स्वास्थ्य बिगड़ जाता है. पाचन क्रिया सही रखने के लिए टाइम पर भोजन करना, हल्का फूड और पोषण का ध्यान रखना जरूरी है.खानपान का सही से ख्याल रखने से हम न सिर्फ पाचन संबंधी समस्याओं से बचते हैं बल्कि त्योहारों को भी अच्छे से एंजॉय कर पाते हैं. वैसे कुछ इंग्रेडिएंट्स हैं जो अपच या एसिडिटी को नेचुरली दूर करने में कारगर हैं. इनके ड्रिंक्स कैसे तैयार करने हैं और क्या फायदे हैं… यहां जानें….
मेंथॉल को पेट के लिए वरदान माना जाता है और पुदीने में ये मौजूद होता है. दरअसल, मेंथॉल में एंटी-स्पास्मोडिक प्रॉपर्टीज होती है जो हमारी आंतों की मसल्स को राहत पहुंचाकर गैस, ब्लोटिंग या पेट में दर्द जैसी समस्याओं से छुटकारा दिलाती हैं. जिन्हें इर्रिटेबल बॉवेल सिंड्रोम (आईबीएस) हो उन्हें पुदीने से बनी चीजों का सेवन जरूर करना चाहिए.
एक्सपर्ट्स का कहना है कि पेट में खाने की चीजें अगर देर तक पड़ी रहे तो इससे भी गैस या ब्लोटिंग हो जाती है. अदरक के रस में ऐसे गुण मौजूद हैं जो पेट या आंतों में पड़ी गंदगी को बाहर निकाल फेंक देती है. जिन्हें ब्लोटिंग के अलावा इनडाइजेशन यानी अपच हो उन्हें अदरक से बने पानी को रेगुलर पीना चाहिए.
पेट के लिए इसबगोल किसी वरदान से कम नहीं है क्योंकि इसमें सबसे ज्यादा सॉल्युबल फाइबर होता है और जो आंतों में मौजूद पानी को अब्जॉर्ब कर लेता है. जिन्हें आईबीएस की समस्या हो उन्हें गोलियों या पाउडर के रूप में मिलने वाले इसबगोल का जरूर सेवन करना चाहिए. वैसे इसका पाउडर सेहत के लिए ज्यादा असरदार साबित हो सकता है.
पेट के स्वास्थ्य को ठीक रखने के लिए गुड बैक्टीरिया सही रहना जरूरी है. प्रोबायोटिक्स फूड्स के जरिए एंजाइम्स को एक्टिव रखा जा सकता है. इसलिए हमें दही या दूसरे प्रोबायोटिक्स फूड्स का रेगुलर सेवन करना चाहिए. ये ब्लोटिंग को तुरंत खत्म नहीं कर सकते लेकिन लक्षणों को धीरे-धीरे कम करने में मददगार साबित हो सकते हैं.
त्वचा, बाल और सेहत यानी तीनों के लिए नींबू बेहद फायदेमंद है. इसलिए इसे एलोवेरा की तरह ऑलराउंडर तक पुकारा जाता है. फेस्टिव सीजन के दौरान गलत खानपान और दूसरी वजहों से बनने वाली गैस या एसिडिटी से राहत पाने के लिए नींबू पानी का सेवन करें. इसमें काला नमक और थोड़ी चीनी मिला लें. इस घोल को पीने से एसिडिटी तुरंत कम होने लगती है और शरीर को दूसरे फायदे मिलते हैं.
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