नई दिल्ली: आज के वक़्त में दुनिया से कदम से कदम मिला कर चलने की दौड़ में अपनी सेहत का ध्यान नहीं रह पाते है. कई लोग काम के कारण भोजन, पानी के साथ पर्यापत नींद लेना भी छोड़ देते है. दिनभर काम करने बाद नींद का न पूरा और मानसिक तनाव का बढ़ना कई […]
नई दिल्ली: आज के वक़्त में दुनिया से कदम से कदम मिला कर चलने की दौड़ में अपनी सेहत का ध्यान नहीं रह पाते है. कई लोग काम के कारण भोजन, पानी के साथ पर्यापत नींद लेना भी छोड़ देते है. दिनभर काम करने बाद नींद का न पूरा और मानसिक तनाव का बढ़ना कई बीमारियों का कारण बन सकता है. इतना ही डॉक्टर के द्वारा भी यह सलाह दी जाती है की पर्यापत नींद लेना कितना महत्वपूर्ण है. नींद पूरी होने के से व्यक्ति का स्वास्थ्य सही रहता है और व्यक्ति फ्रेश महसूस करता है. वहीं उम्र के अनुसार व्यक्ति को कितनी नींद लेनी चाहिए और उम्र का नींद से क्या ताल्लुक है. चलिए जानते है.
कई लोग अपना मानसिक तनाव दूर करने के लिए रात को सोने की बजाए टीवी या सिनेमा देखना पसंद करते है लेकिन यह स्वास्थ्य के लिए बिलकुल सही नहीं है. इस कारण मानसिक तनाव के साथ-साथ सर दर्द, चक्कर आना, बुख़ार चढ़ जाने जैसी समयस्या देखने को मिलती है. युवा पीढ़ी की बात करें तो यह भी सुनने को मिलता है कि चाहें वो जितना भी सोने का प्रयास करें लेकिन उन्हें नींद ही नहीं आ पाती है. ऐसा अक्सर तब देखा जाता है जब व्यत्कि के सोने का कोई निर्धारित समय नहीं होता या फिर उन्होंने अपना लाइफस्टाइल ही ऐसा बना लिया है. इसका सीधा सेहत पर प्रभाव पड़ता है. नेशनल स्लीप फाउंडेशन और डॉक्टर की जांच के अनुसार एक व्यक्ति को दिनभर में काम से काम सात घटने सोना चाहिए। हालांकि उम्र से हिसाब से यह बदलता रहता है.
रिपोर्ट के मुताबिक हर उम्र के व्यक्ति के लिए एक चार्ट तैयार किया गया है कि किस उम्र में कितनी नींद लेना ज़रूरी हैं.
4 महीने से 1 साल तक के बच्चों को 16 से 12 घंटे तक नींद लेनी चाहिए
1 से 5 साल के बच्चों को 14 से 11 घंटे तक नींद की आवश्यकता होती है
6 से 12 साल के बच्चों को 12 से 9 घंटे तक नींद लेनी चाहिए
13 साल की उम्र से 18 साल की उम्र तक के बच्चो को 10 से 8 घंटे सोना चाहिए
18 साल से ६० साल तक के उम्र के लोगों को काम से काम 7 घंटे नींद लेनी चाहिए
60 साल की उम्र के बाद 8 से 9 घंटे की पर्याप्त आवश्यकता होती है.
डॉक्टरों के मुताबिक पर्याप्त नींद न लेने के कारन दिल की बीमारी, मधुमेह और महिलाओं को ब्रेस्ट कैंसर जैसी जोखिम बीमारी का सामना करना पड़ सकता है. वहीं पर्याप्त नींद से शरीर पर भी असर पढ़ने लगता है और हड्डियां कमज़ोर हो जाती हैं.