लाइफस्टाइल

विश्व मधुमेह दिवस: भारत में अनट्रीटेड डायबिटीज मरीज सबसे ज़्यादा, स्टडी में हुआ खुलासा

नई दिल्ली: भारत को डायबिटीज की राजधानी भी कहा जाता है, इस बात को द लैंसेट की नई रिसर्च में भी फिर से पुख्ता किया गया है। ये बीमारी खासकर युवाओं में तेजी से फैल रही है। अनट्रीटेड डायबिटीज वाले लोग भारत में सबसे ज्यादा तादाद में मौजूद हैं। द लैंसेट’ मेडिकल जर्नल में छपी ये बात एक स्टडी के आधार पर कही गई है। इस रिसर्च के अनुसार साल 2022 में अनुमानित 828 मिलियन एडल्ट्स (18 वर्ष और उससे ज्यादा उम्र के) को डायबिटीज थी, जिनमें से भारत में एक चौथाई से अधिक (212 मिलियन) लोग रहते थे, इसके बाद इंडोनेशिया में 25 मिलियन, चीन में 148 मिलियन, अमेरिका में 42 मिलियन, ब्राजील में 22 मिलियन और पाकिस्तान में 36 मिलियन थे।

युवाओं में बढ़ रहा डायबिटीज

एनसीडी रिस्क फैक्टर कोलैबोरेशन द्वारा ये स्टडी की गई थी। माजिद एजती जो इंपीरियल कॉलेज लंदन के सीनियर ऑथर प्रोफेसर हैं, उन्होंने कहा कि स्टडी डायबिटीज में ग्लोबल असमानताओं के बारे में जानकारी देता है। इसमें कई मिडिल इनकम और लो इनकम वाले देशों में ट्रीटमेंट रेट स्थिर है, जहां डायबिटीज से पीड़ित एडल्ट्स की तादाद में भारी इजाफा हो रहा है। प्रोफेसर का कहना है कि- ये स्थिति काफी चिंताजनक है। ऐसा इसलिए क्योंकि मधुमेह वाले लोग ज्यादातर कम आय वाले देशों में होते हैं और असरदार इलाज की कमी की वजह से जिंदगी भर की कॉम्पलिकेशन के रिस्क में होते हैं – जिसमें एम्प्यूटेशन (शरीर के किसी हिस्से का लॉस), दिल की बीमारी, किडनी डैमेज या नजरें कमजोर होना शामिल है, या कुछ मामलों में वक्त से पहले मौत हो सकती है।”

डायबिटीज की दर बढ़ी

इस स्टडी के अनुसार पुरुषों (6.8% से 14.3%) और महिलाओं (6.9% से 13.9%) में साल 1990 और 2022 के बीच ग्लोबल डायबिटीज दर दोगुनी हो गई है। मिडिल इनकम के अलावा लो इनकम वाले देशों ने सबसे ज्यादा इजाफा देखा गया। इसके साथ ही कुछ हाई इनकम वाले देशों जैसे कनाडा, जापान और पश्चिमी यूरोप के कुछ देशों जैसे डेनमार्क,स्पेन और फ्रांस ने पिछले तीन दशकों में डायबिटीज रेट में कोई बदलाव नहीं देखा, या यहां तक ​​कि मामूली कमी देखी गई। रिसर्चर्स में खुलासा हुआ है कि भारत में डायबिटीज रेट महिलाओं और पुरुषों दोनों में तकरीबन दोगुनी हो गई है। पुरुषों में ये 11.3% से बढ़कर 21.4% हो गई, जबकि महिलाओं में यह 1990 में 11.9% से बढ़कर 2022 में 24% हो गई है। दोनों जेंडर्स के लिए तुलनात्मक रूप से ट्रीटमेंट कवरेज में सिर्फ मामूली इजाफा हुआ। 1990 और 2022 के बीच महिलाओं में 21.6% से 27.8% और पुरुषों में 25.3% से 29.3% की वृद्धि हुई है।

Also Read…

पेड़ मत काटो…कटाई पर रोक लगाया तो शख्स को पहनाई चप्पल की माला, फिर जमकर की पिटाई

CBSE का बड़ा फैसला, 10वीं, 12वीं के सिलेबस में हुई कटौती, एग्जाम पैटर्न में भी बदलाव

Shweta Rajput

Recent Posts

बची हुई दाल को फेंके नहीं, बल्कि बनाएं ये खास मसालेदार परांठे

नई दिल्ली: ज्यादातर लोग बची हुई दाल को कचरे में फेक देते हैं, परंतु ऐसे…

3 hours ago

टेबल पर आग का खतरनाक खेल, महिला ने दिखाया हैरतअंगेज़ स्टंट

नई दिल्ली: सोशल मीडिया पर एक हैरान कर देने वाला वीडियो तेजी से वायरल हो…

3 hours ago

भारतीय सेना में अफसर के लिए निकली भर्ती, ऐसे करें अप्लाई

नई दिल्ली : भारतीय सेना में शामिल होकर अपना करियर बनाने की चाहत रखने वाले…

3 hours ago

कौन थे सिख धर्म संस्थापक गुरु नानक देव, जानें उनके उपदेश

नई दिल्ली: गुरु नानक जयंती सिख धर्म के संस्थापक गुरु नानक देव जी की जयंती…

3 hours ago

भारतीय रेलवे का ड्रीम प्रोजेक्ट पर काम शुरू, हवा से चलेगी ट्रेन

नई दिल्ली : भारत दिसंबर 2024 में अपनी पहली हाइड्रोजन-संचालित ट्रेन का अनावरण करने के…

3 hours ago

मणिपुर में हिंसा को देखते हुए केंद्र सरकार ने उठाया बड़ा कदम, किया AFSPA लागू

नई दिल्ली : मणिपुर में हिंसा को देखते हुए केंद्र सरकार ने बड़ा कदम उठाया…

4 hours ago