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जिन महिलाओं में दिखें ये लक्षण, समझ लेना मां बनने में आ सकती है दिक्कत

COS यानी पॉलीसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम... एक ऐसी बीमारी, जो रोजमर्रा की जीवनशैली से संबंधित हो सकता है, लेकिन आज दुनिया भर में करीब 116 मिलियन महिलाएं इससे प्रभावित हैं। WHO की एक रिपोर्ट के अनुसार, पीसीओएस एक सामान्य स्थिति है जो एक निश्चित उम्र के बाद महिलाओं में दिखाई देने लगती है।

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जिन महिलाओं में दिखें ये लक्षण, समझ लेना मां बनने में आ सकती है दिक्कत
  • December 17, 2024 4:07 pm Asia/KolkataIST, Updated 48 minutes ago

नई दिल्ली: खराब जीवनशैली और खान-पान के कारण इसका सीधा असर हमारी सेहत पर पड़ता है। आजकल ज्यादातर महिलाएं बांझपन जैसी समस्या से जूझ रही हैं। इसके पीछे सबसे बड़ा कारण यह है कि वह खराब खान-पान के कारण हार्मोनल असंतुलन, थायरॉयड और पॉलीसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम (पीसीओएस) जैसी बीमारियों से पीड़ित हैं। पीरियड्स में होने वाली समस्याएं हैं जिनका सीधा संबंध खराब खान-पान और जीवनशैली से होता है। युवा महिलाएं भी बांझपन का शिकार हो जाती हैं।

116 मिलियन महिलाएं इससे प्रभावित हैं

COS यानी पॉलीसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम… एक ऐसी बीमारी, जो रोजमर्रा की जीवनशैली से संबंधित हो सकता है, लेकिन आज दुनिया भर में करीब 116 मिलियन महिलाएं इससे प्रभावित हैं। WHO की एक रिपोर्ट के अनुसार, पीसीओएस एक सामान्य स्थिति है जो एक निश्चित उम्र के बाद महिलाओं में दिखाई देने लगती है।

ओव्यूलेशन संबंधी समस्याएं

अंडाशय नियमित रूप से अंडे जारी नहीं कर रहे हैं, या बिल्कुल नहीं कर रहे हैं। यह कई स्थितियों के कारण हो सकता है, जिनमें शामिल हैं:

पॉलीसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम (पीसीओएस)

हार्मोनल असंतुलन
ओव्यूलेशन की समस्या

अंडाशय नियमित रूप से अंडे जारी नहीं कर रहे हैं, या बिल्कुल नहीं कर रहे हैं। यह कई स्थितियों के कारण हो सकता है, जिनमें शामिल हैं:

पॉलीसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम (पीसीओएस)

हार्मोनल असंतुलन

इन बीमारियों के वजह से महिलाएं गर्भधारण नहीं कर पाती हैं

वहीं इसके कारण से महिलाओं को पीरियड्स, अतिरिक्त एण्ड्रोजन और पॉलीसिस्टिक ओवरी से जुड़ी समस्याएं होने लगती हैं, जिसमें ओवरी बड़ी हो जाती है। इसमें कई तरल पदार्थ से भरी थैली होती हैं, जिन्हें सिस्ट कहा जाता है। आइए जानते हैं कि पीसीओएस की समस्या होने पर महिलाओं के चेहरे पर किस तरह के लक्षण दिखाई देते हैं।

वहीं पीसीओएस के कई लक्षण होते हैं। इनमें से कुछ सबसे पहले चेहरे पर दिखाई देते हैं। जब महिलाओं में एण्ड्रोजन या पुरुष हार्मोन का स्तर अधिक होता है तो इसके संकेत चेहरे पर नजर आने लगते हैं। एण्ड्रोजन पीसीओएस से संबंधित मुँहासे को जन्म देते हैं।

ये त्वचा की ग्रंथियों को अत्यधिक मात्रा में सीबम उत्पन्न करने के लिए प्रेरित करने का काम करते हैं। ये तैलीय पदार्थ हैं. इसका मतलब यह है कि अगर किसी महिला के चेहरे की ठुड्डी और ऊपरी गर्दन के आसपास मुंहासे हो रहे हैं तो यह पीसीओएस का लक्षण हो सकता है।

पीसीओएस का इलाज कैसे किया जा सकता है?

अगर कोई महिला पीसीओएस की समस्या से परेशान है तो सबसे पहले उसे अपनी जीवनशैली में बदलाव करना चाहिए। अगर वजन बढ़ रहा है तो उसे नियंत्रित करना सबसे जरूरी है। व्यायाम और संतुलित पोषण आहार को अपनी दिनचर्या में शामिल करके आप इस समस्या से छुटकारा पा सकते हैं।

स्वास्थ्य विशेषज्ञों के अनुसार, जो महिलाएं पीसीओएस से पीड़ित हैं, उन्हें जितना हो सके फल और सब्जियां खानी चाहिए। इन सबके अलावा पीसीओएस के इलाज के लिए डॉक्टर की सलाह लेना न भूलें।

 

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