नई दिल्ली: महिलाओं के लिए वो 5 दिन बहुत कठिन होते हैं. पीरियड्स के दौरान जिन नियमों का पालन किया जाता है, वो उन्हें और भी कठिन बना देते हैं. उन्हीं नियमों में से एक नियम ये भी है कि पीरियड्स के दौरान महिलाओं को मंदिर नहीं जाना चाहिए. जब इस बात का जवाब मांगा […]
नई दिल्ली: महिलाओं के लिए वो 5 दिन बहुत कठिन होते हैं. पीरियड्स के दौरान जिन नियमों का पालन किया जाता है, वो उन्हें और भी कठिन बना देते हैं. उन्हीं नियमों में से एक नियम ये भी है कि पीरियड्स के दौरान महिलाओं को मंदिर नहीं जाना चाहिए. जब इस बात का जवाब मांगा जाता है कि उस दौरान महिलाओं को मंदिर क्यों नहीं जाना चाहिए, तो जवाब आता है कि उस दौरान महिलाएं अशुद्ध होती हैं, लेकिन सवाल ये उठता है कि ऐसा कहना सही हैं क्या ? इसके पीछे क्या है लॉजिक ?
एक इंटरव्यू मुताबिक कथावाचक जया किशोरी ने कहा कि उस समय ऐसा करने के कुछ खास कारण थे. समय बिताते गए लोग अपने तरीके से यह नियम बनाते चले गए. ये कहना बिल्कुल गलत है कि ऐसे समय में महिलाएं पूरी तरह से अशुद्ध हो जाती हैं. जया किशोरी से पूछा गया कि महिलाओं को अचार नहीं खाना चाहिए, मंदिर नहीं जाना चाहिए, आप खुद क्या मानती हैं?
जया किशोरी ने कहा कि कुछ चीजें ऐसी होती हैं जिनके पीछे वाकई कोई खास वजह होती है. जैसे पीरियड्स के दौरान खट्टी चीजें नहीं खानी चाहिए क्योंकि ये सेहत के लिए नुकसानदायक साबित हो सकती हैं. यह वैज्ञानिक रूप से भी सिद्ध है। पुराने समय में इससे जुड़ी कोई व्यवस्था नहीं थी लेकिन आज कई व्यवस्थाएं हैं। पहले महिलाएं घर पर रहती थीं इसलिए नियम भी बनाए गए थे लेकिन आज की महिलाएं बाहर जाती हैं। वे ऐसे कैसे रह सकती हैं।
मंदिर न जाने के ऐसे कई कारण हैं। लोगों का मानना है कि महिलाओं को मासिक धर्म के दौरान मंदिर में प्रवेश नहीं करना चाहिए, इन मान्यताओं का कोई सबूत नहीं है और इन्हें मिथक माना जाता है। जब हमने इसके पीछे की सच्चाई जानने की कोशिश की तो पाया कि पुराने समय की तुलना आज से करना मूर्खता है।
आज के समय में पीरियड्स को लेकर हमारे बीच कई तरह की बातें हैं। जहां तक पुराने समय की बात है तो उस समय नहाने या पानी की कोई व्यवस्था नहीं थी। लोग नहाने के लिए नदी में जाते थे। ऐसे में अगर पीरियड्स वाली महिलाएं जाती हैं तो पूरी नदी दूषित हो जाती है। महिला को संक्रमण का खतरा भी बढ़ जाता है। पीरियड्स के दौरान महिलाओं की रोग प्रतिरोधक क्षमता कमजोर हो जाती है। जिससे उनके बीमार होने का खतरा बढ़ जाता है। ऐसी स्थिति में महिलाओं को मंदिर में जाने से अलग रखा जाता या मनाही होती।
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