नई दिल्ली: शोधकर्ताओं के एक नए अध्ययन में पता चला है कि गर्मी के महीनों में गर्भपात का जोखिम बढ़ सकता है. इस शोध के मुताबिक, गर्भपात के जोखिम में मौसमी अंतर की जांच में पता चला कि उत्तरी अमेरिका में गर्भवती लोगों में गर्मियों के महीनों जैसे जून, जुलाई और अगस्त में प्रारंभिक गर्भपात […]
नई दिल्ली: शोधकर्ताओं के एक नए अध्ययन में पता चला है कि गर्मी के महीनों में गर्भपात का जोखिम बढ़ सकता है. इस शोध के मुताबिक, गर्भपात के जोखिम में मौसमी अंतर की जांच में पता चला कि उत्तरी अमेरिका में गर्भवती लोगों में गर्मियों के महीनों जैसे जून, जुलाई और अगस्त में प्रारंभिक गर्भपात का 44 प्रतिशत अधिक खतरा था.
रिपोर्ट्स के मुताबिक, गर्भावस्था के किसी भी सप्ताह के दौरान गर्भपात का खतरा फरवरी से 31 प्रतिशत ज्यादा था. परिणामों से पता चला है कि दक्षिण और मध्यपश्चिम में गर्भवती महिलाएं, जहां ग्रीष्मकाल सबसे गर्म होते हैं यहां अगस्त के आखिर और सितंबर की शुरुआत में गर्भपात की आशंका सबसे अधिक थी.
इन परिणामों से साफ होता है कि अप्रत्याशित गर्भपात के लिए अत्यधिक गर्मी जिम्मेदार थी. जानकारी के मुताबिक, खुलासा हुआ कि गर्भपात का जोखिम, खासतौर से गर्भधारण के आठ सप्ताह से पहले गर्मियों के मौसम में सबसे अधिक था. अब हमें यह समझने की जरुरत है कि गर्मियों में किस प्रकार के जोखिम की संभावनाएं ज्यादा हैं.
रिसर्च के लिए शोधकर्ताओं ने 6,104 प्रेग्नेंट महिलाओं पर टेस्टिंग किया, जिन्होंने 12 महीनों के भीतर गर्भ धारण किया था. बताते चलें, इससे निकले रिजल्ट बेहद चौंकाने वाले थे. इससे पता चला कि गर्मियों में गर्भपात के जोखिम में वृद्धि गर्मी की वजह से होती है.