दक्षिण कोरिया में एक चिंताजनक और चौंकाने वाली स्थिति सामने आई है: एक तरफ जहां सरकार अपने नागरिकों को बच्चे पैदा करने के लिए हर संभव सुविधा
नई दिल्ली: दक्षिण कोरिया में एक चिंताजनक और चौंकाने वाली स्थिति सामने आई है: एक तरफ जहां सरकार अपने नागरिकों को बच्चे पैदा करने के लिए हर संभव सुविधा और प्रोत्साहन प्रदान कर रही है, वहीं दूसरी ओर महिलाएं इस सब के बावजूद मां बनने से हिचकिचा रही हैं। सरकार द्वारा दिए जाने वाले नगद इनाम, मुफ्त आवास और स्वास्थ्य सेवाओं के बावजूद, दक्षिण कोरिया की जन्म दर निरंतर गिरती जा रही है। यह स्थिति न केवल देश की भविष्यवाणी के लिए चिंता का विषय है, बल्कि यह भी सवाल उठाती है कि आखिरकार महिलाओं की ‘न’ का वास्तविक कारण क्या है?
दक्षिण कोरिया की महिलाएं आजकल स्वतंत्र जीवन जीना पसंद करती हैं और बच्चे पैदा करने की जिम्मेदारी से बचना चाहती हैं। इसके कई कारण हो सकते हैं, जैसे:
1. करियर और व्यक्तिगत स्वतंत्रता: महिलाएं अपने करियर और व्यक्तिगत जीवन पर ध्यान देना चाहती हैं और बच्चे की जिम्मेदारी इन लक्ष्यों के साथ मेल नहीं खाती।
2. आर्थिक चिंताएं: बच्चों की परवरिश के लिए भारी खर्च और बढ़ती जीवनशैली की लागत भी एक प्रमुख कारण है।
3. समाजिक दबाव: दक्षिण कोरिया में पारंपरिक परिवार के दबावों के बावजूद, महिलाएं अपने व्यक्तिगत निर्णय को प्राथमिकता देती हैं।
दक्षिण कोरिया की सरकार ने जनसंख्या बढ़ाने के लिए कई प्रयास किए हैं, लेकिन ये अभी तक सफल नहीं हुए हैं। सरकार द्वारा दिए जाने वाले लाभों में शामिल हैं:
1. नकद सहायता: बच्चों वाले परिवारों को हर महीने नकद सहायता दी जाती है।
2. मुफ्त आवास और परिवहन: नवजात शिशुओं के माता-पिता को मुफ्त मकान और टैक्सी सेवाएं प्रदान की जाती हैं।
3. स्वास्थ्य सुविधाएं: अस्पताल के बिल और आईवीएफ जैसे खर्चे भी सरकार द्वारा उठाए जाते हैं।
ये सभी सुविधाएं केवल शादीशुदा जोड़ों को प्रदान की जाती हैं, लेकिन इसके बावजूद महिलाएं बच्चे पैदा करने के लिए तैयार नहीं हो रही हैं।
दक्षिण कोरिया की जन्म दर में पिछले कुछ वर्षों में लगातार गिरावट देखी गई है। हाल ही में जारी आंकड़ों के अनुसार, जन्म दर पिछले साल की तुलना में आठ प्रतिशत घट गई है, जो अब केवल 0.78 प्रतिशत रह गई है। इस गिरावट के चलते अनुमान है कि भविष्य में देश की आबादी आधी हो सकती है।
दक्षिण कोरिया की यह स्थिति एक गंभीर चिंता का विषय है। जनसंख्या बढ़ाने के लिए सरकार के प्रयासों के बावजूद महिलाओं की नकारात्मकता और सामाजिक-आर्थिक चुनौतियाँ इस समस्या को और गंभीर बना रही हैं। अगर यह प्रवृत्ति जारी रहती है, तो भविष्य में दक्षिण कोरिया को जनसंख्या संकट का सामना करना पड़ सकता है।
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