नई दिल्ली: लिवर जब फैटी होने लगता है तो उसके डैमेज होने का खतरा बढ़ने लगता है। फैटी लिवर दो प्रकार के होते हैं। एक अल्कोहलिक और दूसरे को नॉन अल्कोहलिक कहा जाता है। नॉन अल्कोहलिक फैटी लिवर गलत खान-पान के कारण होता है। बता दें कि डायबिटीज या मोटापे होने पर लिवर को इतना […]
नई दिल्ली: लिवर जब फैटी होने लगता है तो उसके डैमेज होने का खतरा बढ़ने लगता है। फैटी लिवर दो प्रकार के होते हैं। एक अल्कोहलिक और दूसरे को नॉन अल्कोहलिक कहा जाता है।
नॉन अल्कोहलिक फैटी लिवर गलत खान-पान के कारण होता है। बता दें कि डायबिटीज या मोटापे होने पर लिवर को इतना नुकसान नहीं होता जितना लिवर पर फैट जमने से होता है।
जब अधिक मात्रा में लिवर की कोशिकाओं में फैट इकट्ठा हो जाता है तब लिवर डैमेज का खतरा बढ़ने लगता है। हालांकि कुछ बीमारियां भी लिवर को फैटी कर देती है, जैसे-मोटापा, डायबिटीज, हार्मोनल असंतुलन, हाई कोलेस्ट्रॉल, नींद में कमी, पीसीओडी के अलावा खून में अधिक मात्रा में ट्राइग्लिसराइड्स का होना।
पेट में अगर आपको दो प्रकार का सेंशेन महसूस हो रहा है तो समझ लिजिए की आपके लिवर में दिक्कत है या फैटी लिवर का संकेत है।
1. अगर आपको हमेशा ही पेट में असहजता अनुभव होती है। जैसे पेट का अत्यधिक फूला रहना और बिना खाए ही पेट भरा महसूस होना। ऐसा अनुभव होना जैसे खाना गले में अटका हुआ हो।
2. पेट के दाईं ओर दर्द या बहुत बेचैनी। शरीर में ये दर्द सिर्फ पसलियों के नीचे होता है।
• बिना किसी वजह से ही वेट का कम होना लेकिन पेट का निकलते जाना
• शरीर में बेहद कमज़ोरी और थकान महसूस होना
• शरीर में पीलिया का खतरा बढ़ जाना
• स्किन में खुजली होना या फिर पपड़ीदार स्किन का होना
• टखनों, पैरों, पैरों में भी सूजन अनुभव होना।
डिस्क्लेमर- आर्टिकल में दिए गए सुझाए और सलाह केवल सामान्य जानकारी प्रदान करते हैं। इन्हें आजमाने से पहले किसी विशेषज्ञ अथवा चिकित्सक से सलाह जरूर लें। इनखबर इसके लिए उत्तरदायी नहीं है।
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