नई दिल्ली: बीते कुछ सालों में हार्ट अटैक के मामलों में तेजी से वृद्धि देखी गई है। ये तोह सभी जानते कि हार्ट अटैक कभी भी आ सकता है, लेकिन ब्रिटिश हार्ट फाउंडेशन (BHF) की एक रिपोर्ट में दावा किया गया है कि सोमवार को हार्ट अटैक आने का खतरा बाकी दिनों की तुलना में […]
नई दिल्ली: बीते कुछ सालों में हार्ट अटैक के मामलों में तेजी से वृद्धि देखी गई है। ये तोह सभी जानते कि हार्ट अटैक कभी भी आ सकता है, लेकिन ब्रिटिश हार्ट फाउंडेशन (BHF) की एक रिपोर्ट में दावा किया गया है कि सोमवार को हार्ट अटैक आने का खतरा बाकी दिनों की तुलना में अधिक होता है। रिपोर्ट के अनुसार, सोमवार को दिल का दौरा पड़ने की संभावना 13% तक और उससे भी ज्यादा अधिक होती है। प्रसिद्ध कार्डियोथोरेसिक सर्जन डॉ. श्रीराम नेने ने भी इस बात की पुष्टि की है कि सोमवार की सुबह हार्ट अटैक का खतरा सबसे अधिक होता है। आइए जानते है इसके पीछे का क्या कारण है.
रिपोर्ट में कहा गया है कि सोमवार के दिन ‘ब्लू मंडे’ के रूप में जाना जाता है, जब सुबह 6 बजे से लेकर 10 बजे तक हार्ट अटैक का खतरा सबसे ज्यादा होता है। हालांकि इस विषय पर कोई ठोस वैज्ञानिक प्रमाण नहीं हैं, लेकिन विशेषज्ञों का मानना है कि इसका संबंध सर्काडियन रिदम और कोर्टिसोल का बढ़ना हो हो सकता है। बता दें सर्काडियन रिदम हमारे सोने और जागने के चक्र को कंट्रोल करता है और इसमें गड़बड़ी होने से सेहत पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है।
डॉ. नेने के अनुसार, वीकेंड पर अधिकतर लोग देर से सोते हैं और देर तक जागते हैं, जिसकी वजह से उनकी नींद का पैटर्न बिगड़ जाता है। वीकेंड के दौरान मूवी देखना, पार्टियों में जाना और देर रात तक जागने से शरीर का सर्काडियन रिदम प्रभावित होता है। वहीं इस बदलाव को ‘सोशल जेट लैग’ कहा जाता है, जिससे कोर्टिसोल और ब्लड प्रेशर का स्तर बढ़ जाता है। यह अचानक बढ़ा हुआ कोर्टिसोल और ब्लड प्रेशर हार्ट अटैक के प्रमुख कारणों में से एक है।
विशेषज्ञों की सलाह है कि वीकेंड पर भी नियमित नींद लेनी चाहिए और समय का पालन करना चाहिए ताकि शरीर के सर्काडियन रिदम में कोई बदलाव न आए। वहीं इससे हार्ट अटैक का खतरा कम किया जा सकता है। ब्लड प्रेशर और तनाव के स्तर को नियंत्रित रखने के लिए नियमित रूप से व्यायाम और हेल्दी लाइफस्टाइल अपनाना भी आवश्यक है।
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