आजकल खाने-पीने की अधिकतर चीजों में पाम ऑयल का इस्तेमाल होता है। बिस्किट, चॉकलेट, नमकीन, केक, और यहां तक कि खाने के तेल में भी पाम ऑयल मिलाया जाता है। इसकी कीमत अन्य तेलों के मुकाबले काफी कम होती है, जिससे इसे कई उत्पादों में शामिल किया जाता है।
नई दिल्ली: आजकल हमारे खाने-पीने की अधिकतर चीजों में पाम ऑयल का इस्तेमाल होता है। बिस्किट, चॉकलेट, नमकीन, केक, और यहां तक कि खाने के तेल में भी पाम ऑयल मिलाया जाता है। इसकी कीमत अन्य तेलों के मुकाबले काफी कम होती है, जिससे इसे कई उत्पादों में शामिल किया जाता है। आइए जानते हैं पाम ऑयल कैसे बनता है और यह इतना सस्ता क्यों है।
पाम ऑयल एक प्रकार का वनस्पति तेल है, जिसे ताड़ के पेड़ों (Palm Trees) के फलों से निकाला जाता है। यह लाल रंग का होता है और इसमें सैचुरेटेड फैट की मात्रा अधिक होती है। यह तेल कुकिंग, कॉस्मेटिक्स, और इंडस्ट्रियल प्रोडक्ट्स में उपयोग किया जाता है।
1. ताड़ के फल की कटाई: ताड़ के पेड़ों से फलों को तोड़ा जाता है।
2. फल का प्रसंस्करण: फलों को उबालकर उनके अंदर का तेल निकाला जाता है।
3. रिफाइनिंग: तेल को साफ किया जाता है ताकि इसे विभिन्न उत्पादों में इस्तेमाल किया जा सके।
4. पैकिंग और वितरण: तैयार तेल को फैक्ट्रियों में भेजा जाता है जहां इसका उपयोग किया जाता है।
पाम ऑयल की कुछ मात्रा भारत में ज्यादा तेलों में मिलाई जाती है। इस तेल का इस्तेमाल ज्यादातर फ्राइड फूड्स, पिज्जा, नूडल्स, आइसक्रीम, चॉकलेट, डिटर्जेंट, कुकीज, बालों के शैंपू, लिपस्टिक, साबुन आदि में व्यापक रूप से किया जाता है।
– सस्ता विकल्प: अन्य खाद्य तेलों के मुकाबले पाम ऑयल बहुत सस्ता है।
– मल्टीपल उपयोग: इसे फूड इंडस्ट्री से लेकर साबुन और क्रीम तक में इस्तेमाल किया जा सकता है।
– उच्च उत्पादन: दुनिया में पाम ऑयल का सबसे बड़ा उत्पादन भारत, इंडोनेशिया और मलेशिया में होता है, जो पूरी दुनिया को सप्लाई करता है।
पाम ऑयल में सैचुरेटेड फैट अधिक मात्रा में होता है, जो कोलेस्ट्रॉल बढ़ा सकता है। इसका अधिक सेवन दिल की बीमारियों का खतरा बढ़ा सकता है। हालांकि, इसे मॉडरेशन में उपयोग करने से नुकसान कम हो सकता है।
Also Read…
VIDEO: कानपुर में महिला ने दिया एक साथ कई बच्चों को जन्म, वीडियो देखकर रह जाएंगे हैरान
VIDEO: असल की Subway Surfers बनी महिला, चलती ट्रेन पर दिखाया ऐसा कारनामा, देखकर रह जाएंगे दंग