नई दिल्ली: आजकल की भागदौड़ भरी जीवनशैली में खाने-पीने की आदतों में काफी बदलाव आया है। जहां पहले खाने को कपड़े या कागज में पैक किया जाता था, वहीं अब एल्युमिनियम फॉयल का उपयोग आम हो गया है। हालांकि, लंबे समय तक फॉयल में खाना स्टोर करने से उसके पोषक तत्व कम हो सकते हैं […]
नई दिल्ली: आजकल की भागदौड़ भरी जीवनशैली में खाने-पीने की आदतों में काफी बदलाव आया है। जहां पहले खाने को कपड़े या कागज में पैक किया जाता था, वहीं अब एल्युमिनियम फॉयल का उपयोग आम हो गया है। हालांकि, लंबे समय तक फॉयल में खाना स्टोर करने से उसके पोषक तत्व कम हो सकते हैं और स्वास्थ्य पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है।
एल्युमिनियम फॉयल का उपयोग खाना पकाने से लेकर ग्रिलिंग तक किया जाता है, लेकिन इसके कई स्वास्थ्य-संबंधी नुकसान भी हैं। फॉयल में खाना लपेटने से खाना पूरी तरह से सील नहीं हो पता और हवा खाने में घुस जाती है. इस कारण खाने में बैक्टीरिया उत्पन्न होने लगते हैं । इसके अलावा, गर्म खाने को फॉयल में स्टोर करने से हानिकारक बैक्टीरिया जैसे स्टैफिलोकोकस और बैसिलस सेरेस का विकास होता है, जो खाद्य जनित बीमारियों का कारण बन सकते हैं। फॉयल के गर्म होने पर विषाक्त पदार्थ (Toxic Substances) भी उत्पन्न हो सकते हैं।
खाने को सुरक्षित और ताजा रखने के लिए आप बेहतर ऑप्शन्स चुन सकते हैं। एयर-टाइट कंटेनरों का उपयोग करना एक अच्छा विकल्प है क्योंकि ये भोजन को बाहर की हवा से बचाते हैं और कूलिंग की प्रक्रिया को तेज करते हैं। इसके अलावा, कांच के कंटेनरों का उपयोग करने से भी फायदा होता है। कांच के कंटेनर ठंडे और गर्म दोनों प्रकार की चीजों को स्टोर करने के लिए उपयुक्त होते हैं और इनमें ऑक्सीकरण की समस्या भी नहीं होती।
फ्रिज में खाना स्टोर करना भी एक प्रभावी उपाय है। ठंडे तापमान पर बैक्टीरिया नष्ट हो जाते हैं, जिससे खाना अधिक समय तक ताजा रहता है। फ्रिज में स्टोर करने के लिए भी कांच के बर्तन बेहतर विकल्प होते हैं। इस तरह से आप अपने भोजन की गुणवत्ता को बनाए रख सकते हैं और बर्बादी को कम कर सकते हैं।
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