Men vs Women: भारत ही नहीं बल्कि पूरी दुनिया में बनी ज्यादातर फिल्मों, कहानियों या रोमांस उपन्यासों में महिलाओं को पुरुषों से ज्यादा गहराई से प्यार करते दिखाया गया है। इतना ही नहीं, महिलाएँ रिश्तों के मामले में पुरुषों से ज्यादा वफादार और समर्पित होती हैं। क्या रियल लाइफ में भी ऐसा ही होता है? […]
Men vs Women: भारत ही नहीं बल्कि पूरी दुनिया में बनी ज्यादातर फिल्मों, कहानियों या रोमांस उपन्यासों में महिलाओं को पुरुषों से ज्यादा गहराई से प्यार करते दिखाया गया है। इतना ही नहीं, महिलाएँ रिश्तों के मामले में पुरुषों से ज्यादा वफादार और समर्पित होती हैं। क्या रियल लाइफ में भी ऐसा ही होता है? क्या सच में महिलाएँ पुरुषों से ज्यादा प्यार करती हैं? क्या प्यार की गहराई को किसी भी तरह नापा जा सकता है? क्या महिलाएँ पुरुषों से ज्यादा वफादार होती हैं? क्या प्यार को किसी भी तरह से परिभाषित किया जा सकता है? आइए इन तमाम सवालों के जवाब जानते हैं :
साइकोलॉजी टुडे के मुताबिक, यह गलत धारणा है कि महिलाएँ अपने पार्टनर से ज्यादा गहराई से प्यार करती हैं। वहीं, पुरुष वास्तव में अपने मन और हृदय में अत्यधिक भावनात्मक उथल-पुथल से गुजरते हैं। जब कोई पुरुष अपना दिल तोड़ता है, यानी जब रिश्ते में दरार आती है, तो एक पुरुष को उतना ही दर्द होता है, जितना एक महिला को होता है। हालांकि पुरुषों के इस दर्द को उनके हाव-भाव देखकर बयां करना मुश्किल है, क्योंकि वे दर्द को खामोशी में छिपा लेते हैं। एक पोल के अनुसार, 48% लोगों का मानना है कि महिलाएँ पुरुषों की तुलना में अधिक गहराई से प्यार करती हैं। वहीं, सर्वे में शामिल 52% लोग असहमत थे।
प्यार के मामले में महिलाएँ ज्यादा सतर्क रहती हैं, जबकि पुरुष जल्दी प्यार में पड़ जाते हैं। अध्ययनों से पता चलता है कि पुरुषों के लिए प्यार में पड़ने की आवश्यकताएँ महिलाओं की तुलना में बहुत सरल और आसान हैं। वहीं दूसरी ओर महिलाएँ बहुत सोच-समझकर प्यार में पड़ जाती हैं। वे किसी के प्यार में पड़ने से पहले अपनी और अपने होने आने वाली लाइफ के आधार पर फैसला लेती हैं। पुरुष बहुत ही बेसिक चीज़ों के आधार पर प्यार करने का फैसला करते हैं। आंकड़े यह भी बताते हैं कि पुरुष महिलाओं की तुलना में पहली नजर के प्यार में ज्यादा विश्वास करते हैं।
अध्ययन में छात्रों से पूछा गया कि उन्हें आई लव यू कहने में कितना समय लगा? सर्वे में पूछे गए सवालों के जवाब किसी को भी हैरान कर सकते हैं। अध्ययन के अनुसार, पुरुष छात्र अक्सर कुछ ही हफ्तों में अपने प्यार का इजहार कर देते हैं। साथ ही महिलाएँ उनसे कहीं ज्यादा सतर्क रहती हैं। वे अपनी भावनाओं को व्यक्त करने से पहले कई महीने इंतज़ार करती हैं। कई महिलाएँ “प्यार” शब्द का इस्तेमाल करने से पहले काफी सोचती है।
आपको बता दें, जब पुरुष प्यार में पड़ते हैं, तो वे ज़्यादा गहराई से प्यार करते हैं। पुरुष महिलाओं की तुलना में रिश्तों में ज़्यादा शामिल होते हैं। यही कारण है कि ऐसा माना जाता है कि ब्रेकअप के बाद पुरुषों को ठीक होने में महिलाओं की तुलना में अधिक समय लगता है। वहीं, जब महिलाओं को जरूरत होती है तो उन्हें अपने दोस्तों से भी इमोशनल सपोर्ट मिलता है। इसके विपरीत, पुरुष अपने पुरुष दोस्तों के साथ अपनी अंदरूनी भावनाओं को शेयर करने में असहज महसूस करते हैं। सामान्य तौर पर, यह तर्क दिया जा सकता है कि प्यार के मामले में महिला और पुरुष लगभग समान हैं। बस जाहिर करने के तरीके बिल्कुल अलग हैं और यही तो प्यार और लाइफ को खूबसूरत बनाता है।