नई दिल्ली: चावल भारतीय भोजन का एक अहम हिस्सा है। लेकिन जब से स्वास्थ्य जागरूकता बढ़ी है, तब से एक सवाल हमेशा चर्चा में रहता है – व्हाइट राइस खाएं या ब्राउन राइस? दोनों ही प्रकार के चावल पोषण से भरपूर होते हैं, लेकिन इनके लाभ और नुकसान को समझना जरूरी है। आइए जानते हैं इन दोनों के बीच का अंतर और कौन सा चावल आपकी सेहत के लिए बेहतर हो सकता है।
व्हाइट राइस और ब्राउन राइस दोनों ही एक ही प्रकार के धान से प्राप्त होते हैं, लेकिन इनके प्रसंस्करण की प्रक्रिया अलग होती है।
1. ब्राउन राइस: यह चावल अपने मूल रूप में रहता है और इसके बाहरी परत (ब्रान) को नहीं हटाया जाता। इसमें फाइबर, विटामिन बी, एंटीऑक्सिडेंट्स और मिनरल्स अधिक मात्रा में होते हैं।
2. व्हाइट राइस: इसे पॉलिश किया जाता है, जिससे इसका बाहरी ब्रान और जर्म निकाल दिया जाता है। इस प्रक्रिया से इसका स्वाद और बनावट बेहतर हो जाती है, लेकिन इसके पोषक तत्व कम हो जाते हैं।
ब्राउन राइस में अधिक फाइबर होता है, जो पाचन को बेहतर बनाता है और कब्ज जैसी समस्याओं से बचाने में मदद करता है। इसमें कम कैलोरी और ज्यादा पोषक तत्व होते हैं, जिससे यह वजन कम करने वालों के लिए फायदेमंद होता है। यह कोलेस्ट्रॉल को कम करता है और हृदय रोगों के खतरे को घटाने में मदद करता है। ब्राउन राइस का ग्लाइसेमिक इंडेक्स कम होता है, जिससे यह ब्लड शुगर को नियंत्रित रखने में सहायक होता है।
व्हाइट राइस जल्दी पच जाता है और तुरंत ऊर्जा प्रदान करता है, इसलिए यह एथलीट्स और बच्चों के लिए फायदेमंद होता है। यह हल्का होता है और पेट को ज्यादा नहीं भरता, इसलिए डाइजेस्टिव प्रॉब्लम वाले लोगों के लिए बेहतर हो सकता है। व्हाइट राइस की शेल्फ लाइफ अधिक होती है और यह जल्दी खराब नहीं होता।
अगर सेहत की दृष्टि से देखा जाए तो ब्राउन राइस अधिक पौष्टिक और फायदेमंद होता है। यह लंबे समय तक पेट भरा रखने, वजन घटाने और हृदय स्वास्थ्य को सुधारने में मदद करता है। लेकिन जिन लोगों को पाचन संबंधी समस्याएं होती हैं, उनके लिए व्हाइट राइस एक बेहतर विकल्प हो सकता है।
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