नई दिल्ली: धतूरा एक औषधीय पौधा है, जिसकी ऊंचाई लगभग 1 मीटर तक होती है। यह दो प्रकार के रंगों में पाया जाता है, काला और सफेद। काले धतूरे का फूल नीले चित्तियों वाला होता है। हिंदू धार्मिक परंपराओं में धतूरे के फल, फूल, और पत्तियों का विशेष महत्व है, जिन्हें भगवान शंकर को चढ़ाया […]
नई दिल्ली: धतूरा एक औषधीय पौधा है, जिसकी ऊंचाई लगभग 1 मीटर तक होती है। यह दो प्रकार के रंगों में पाया जाता है, काला और सफेद। काले धतूरे का फूल नीले चित्तियों वाला होता है। हिंदू धार्मिक परंपराओं में धतूरे के फल, फूल, और पत्तियों का विशेष महत्व है, जिन्हें भगवान शंकर को चढ़ाया जाता है। आयुर्वेदिक चिकित्सा में धतूरे को विष वर्ग में रखा गया है, लेकिन इसका उचित मात्रा में सेवन करने से कई बीमारियों से निजात मिल सकती है।
आजकल सफेद बाल और गंजापन जैसी समस्याएं किसी भी उम्र में हो सकती हैं। लेकिन धतूरे के छोटे पत्तों का उपयोग इन समस्याओं के लिए एक प्रभावी उपाय हो सकता है। इसके लिए छोटे धतूरे के पत्तों को पीसकर सप्ताह में तीन बार माथे पर लगाएं। इससे बालों का झड़ना कम हो सकता है और सफेद बाल धीरे-धीरे काले होने लगेंगे।
इसके अलावा धतूरे के पत्तों का उपयोग सर्दी, खांसी, पेट में कीड़े और त्वचा से जुड़ी बीमारियों में भी किया जा सकता है। सर्दी या पेट में कीड़े की समस्या होने पर धतूरे के पत्तों को दूध के साथ सेवन करने से यह समस्याएं दूर हो सकती हैं। सुबह खाली पेट एक पत्ता खाने से त्वचा की समस्याओं में भी लाभ होता है। इतना ही नहीं पुरुषों के लिए भी धतूरे के पत्तों का सेवन मर्दाना शक्ति बढ़ाने और शरीर की कमजोरी दूर करने में सहायक होता है। इसे दूध के साथ चूर्ण के रूप में भी लिया जा सकता है। सरदर्द में धतूरे के पत्तों को पीसकर माथे पर लगाने से सिरदर्द से राहत मिलती है।
इसके अलावा धतूरे का सेवन बवासीर जैसी समस्याओं में भी लाभकारी है। इसके लिए पत्तों का रस निकालकर दही में मिलाकर सेवन करें। कुछ ही दिनों में बवासीर में आराम मिल सकता है।
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