अगर करवा चौथ का व्रत चांद निकलने से पहले टूट जाए तो क्या करें, यहां जानें?

नई दिल्ली: करवा चौथ का पवित्र व्रत हर शादीशुदा महिला के लिए बहुत महत्व रखता है। इस दिन विवाहित महिलाएं अपने पति की लंबी उम्र, स्वस्थ जीवन और सुखी वैवाहिक जीवन की कामना के साथ व्रत रखती हैं। पंचांग तिथि के अनुसार करवा चौथ का व्रत कार्तिक कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को रखा जाता […]

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अगर करवा चौथ का व्रत चांद निकलने से पहले टूट जाए तो क्या करें, यहां जानें?

Zohaib Naseem

  • October 15, 2024 1:01 pm Asia/KolkataIST, Updated 1 month ago

नई दिल्ली: करवा चौथ का पवित्र व्रत हर शादीशुदा महिला के लिए बहुत महत्व रखता है। इस दिन विवाहित महिलाएं अपने पति की लंबी उम्र, स्वस्थ जीवन और सुखी वैवाहिक जीवन की कामना के साथ व्रत रखती हैं। पंचांग तिथि के अनुसार करवा चौथ का व्रत कार्तिक कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को रखा जाता है, जो इस वर्ष 20 अक्टूबर 2024 रविवार को है। पूजा का समय शाम 05:46 बजे से शाम 07:09 बजे तक रहेगा। चंद्रोदय का समय (KarwaChauth 2024 Moonrise Time) शाम 7:54 बजे होगा.

 

पति को देखती हैं

 

करवा चौथ के दिन महिलाएं व्रत रखती हैं और सोलह श्रृंगार करती हैं, करवा माता की पूजा करती हैं और रात को चंद्रमा निकलने पर चंद्रमा को अर्घ्य देती हैं और छलनी से अपने पति को देखती हैं। इसके बाद वह अपने पति के हाथों से पानी पीकर अपना व्रत खोलती हैं। करवा चौथ का व्रत रखने से पहले सूर्योदय से पहले सरगी खाने की परंपरा है। सरगी करने के बाद व्रत का संकल्प लिया जाता है और इसके बाद कुछ भी खाना-पीना वर्जित होता है।

 

व्रत टूट सकता है

 

अगर आप गलती से भी कुछ खा-पी लेते हैं तो इससे व्रत टूट जाता है (KarwaChauth vratules)। लेकिन कई बार ऐसा होता है कि जाने-अनजाने में गलती से व्रत टूट जाता है। गलती से भी पानी पीने से व्रत टूट सकता है. अगर व्रत के दौरान ऐसा हो तो घबराएं नहीं. क्योंकि शास्त्रों में कुछ नियम बताए गए हैं, जिनसे जाने-अनजाने में हुई गलतियों को सुधारा जा सकता है। ऐसे में अगर आपका करवा चौथ का व्रत गलती से टूट जाए तो आप इस नियम का पालन करें.

 

साफ कपड़े पहनें

 

करवा चौथ के दिन चंद्रोदय के बाद ही खाना-पीना चाहिए। लेकिन अगर चंद्रमा निकलने से पहले गलती से व्रत टूट जाए तो तुरंत स्नान कर लेना चाहिए। इसके बाद साफ कपड़े पहनें. फिर शिव-पार्वती, भगवान गणेश और करवा माता की पूजा करें और क्षमा मांगें। इसके बाद चांद निकलने तक बिना कुछ खाए अपना व्रत जारी रखें।

मंत्र का जाप करें

 

शाम के समय चंद्रोदय के बाद अर्घ्य देकर चंद्र देव की पूजा करें और साथ ही चंद्र देव से क्षमा याचना करें और रुद्राक्ष की माला से चंद्र मंत्र और शिव मंत्र का जाप करें। दोषों से बचने के लिए अपनी क्षमता के अनुसार 16 श्रृंगार सामग्री का दान करें। ऐसा करने से व्रत तोड़ने पर कोई बुरा प्रभाव नहीं पड़ता और व्रत सफल हो जाता है।

 

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