नई दिल्ली: आजकल प्लास्टिक के बर्तनों, प्लेटों और कंटेनरों का उपयोग बहुत बढ़ गया है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि प्लास्टिक में भोजन करने से कई गंभीर स्वास्थ्य समस्याएं हो सकती हैं? डॉक्टरों और विशेषज्ञों के अनुसार, प्लास्टिक के बर्तनों का नियमित उपयोग हमारे शरीर के लिए बेहद खतरनाक साबित हो सकता है। आइए जानते हैं इसके नुकसान और इससे बचने के उपाय।
1. टॉक्सिक केमिकल्स का सेवन: प्लास्टिक में बिस्फेनॉल-ए (BPA) और फथैलेट्स जैसे हानिकारक रसायन होते हैं, जो भोजन में मिलकर शरीर में पहुंच सकते हैं। ये केमिकल्स हार्मोन असंतुलन और कई अन्य बीमारियों का कारण बन सकते हैं। ये रसायन तब सक्रिय हो जाते हैं, जब प्लास्टिक में गर्म भोजन या पेय पदार्थ रखा जाता है।
2. कैंसर का खतरा: कुछ अध्ययनों के अनुसार, प्लास्टिक के लंबे समय तक उपयोग से कैंसर का खतरा बढ़ सकता है, विशेषकर जब गरम भोजन या तरल पदार्थ इसमें रखा जाता है। गर्मी के कारण प्लास्टिक के टॉक्सिन्स भोजन में घुल सकते हैं।
3. हॉर्मोनल असंतुलन: प्लास्टिक के रसायन हमारे शरीर में एस्ट्रोजन के स्तर को प्रभावित कर सकते हैं, जिससे प्रजनन संबंधी समस्याएं और थायरॉइड की दिक्कतें हो सकती हैं।
4. पाचन तंत्र पर प्रभाव: प्लास्टिक में मौजूद हानिकारक पदार्थ हमारे पाचन तंत्र को कमजोर बना सकते हैं। इससे गैस, एसिडिटी और अल्सर जैसी समस्याएं हो सकती हैं।
5. हृदय रोग का खतरा: प्लास्टिक में भोजन करने से कोलेस्ट्रॉल का स्तर बढ़ सकता है, जिससे हृदय रोगों का खतरा बढ़ जाता है।
6. बच्चों पर विशेष प्रभाव: प्लास्टिक के रसायन छोटे बच्चों के मानसिक और शारीरिक विकास पर नकारात्मक प्रभाव डाल सकते हैं। खासकर शिशुओं की दूध की बोतलों में प्लास्टिक का उपयोग उनके स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हो सकता है।
प्लास्टिक से होने वाली बीमारियों से बचने के लिए स्टील, कांच या मिट्टी के बर्तनों का उपयोग करें। माइक्रोवेव में प्लास्टिक कंटेनरों का उपयोग न करें। गर्म भोजन को प्लास्टिक में रखने से बचें। प्लास्टिक की पानी की बोतलों की जगह तांबे या स्टील की बोतलें अपनाएं। खाने को स्टोर करने के लिए कांच या सिरेमिक कंटेनर का प्रयोग करें।
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