नई दिल्ली: महिलाओं को पीरियड आना जरूरी होता है, और एक समय पर इसका रुकना भी जरूरी है। इस अवस्था को मेनोपॉज कहते हैं। मेनोपॉज हर औरत को होना जरूरी होता है। यह स्थिति अक्सर 45 की उम्र के बाद ही महिलाओं को होती है। आजकल प्रीमैच्योर मेनोपॉज की समस्या बढ़ गई है। इसमें औरतों […]
नई दिल्ली: महिलाओं को पीरियड आना जरूरी होता है, और एक समय पर इसका रुकना भी जरूरी है। इस अवस्था को मेनोपॉज कहते हैं।
मेनोपॉज हर औरत को होना जरूरी होता है। यह स्थिति अक्सर 45 की उम्र के बाद ही महिलाओं को होती है। आजकल प्रीमैच्योर मेनोपॉज की समस्या बढ़ गई है। इसमें औरतों को समय से पहले ही पीरियड आने रुक जाते हैं।
-महिलाओं की वजाइना में ड्राइनेस की समस्या होने से ऐसा होता है।
-अगर किसी महिला की कोई सर्जरी हुई हो तो भी ऐसा होता है।
-जो महिलाएं कीमोथेरेपी से गुजरती है उन्हें भी यह समस्या हो सकती है।
-हाइपोथायराइड और ऑटोइम्यून डिसऑर्डर की समस्या वाली महिलाओं को जल्दी मेनोपॉज होता है।
-अत्यधिक स्मोकिंग करने वाली महिलाएं भी मेनोपॉज की शिकार हो सकती है।
-कई बार यह समस्या महिलाओं की जेनेटिक भी हो सकती है।
क्यों है ये सेहत के लिए हानिकारक
-मेनोपॉज से इंफर्टिलिटी हो जाती है, जिससे बेबी कंसीव करने में परेशानी होती है।
-हार्मोनल चेंजेस, प्रीमैच्योर मेनोपॉज से महिलाओं में मूड स्विंग्स, वेजाइनल ड्राईनेस और शरीर में कई बदलाव होते हैं।
-समय से पहले मेनोपॉज से महिलाओं की हड्डियां भी कमजोर होने लगती है।
-जल्दी मेनोपॉज आने से उन महिलाओं को हार्ट की समस्या का खतरा बढ़ जाता है।
-मेनोपॉज होने से पहले शरीर में कई नए-नए बदलाव देखने को मिल सकते हैं।
-प्रीमैच्योर मेनोपॉज से पहले महिलाओं में हॉट फ्लैशेज आते हैं।
-कई महिलाओं को ब्रेन फॉग की समस्या भी हो सकती है।
-इस स्थिति में सिर दर्द, मूड स्विंग्स जैसी समस्याएं बढ़ जाती है।
स्पेशल टिप:- अगर किसी महिला को समय से पहले या समय के साथ मेनोपॉज होते हैं, उन महिलाओं को डॉक्टर से संपर्क जरूर करनी चाहिए। वे लक्षण और मेनोपॉज का समय जैसी सभी चीजों के बारे में स्पष्ट रूप से बताएं ताकि डॉक्टर उन्हें सही सलाह और इससे जुड़ी अन्य बातें समझा सकें।
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